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आपदा तथा उससे उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कहा कि गर्मी के मौसम व वर्षा ऋतु में हर वर्ष बहुत से क्षेत्र बाढ एवं जलप्लावन से प्रभावित होते है जिससे फसलो के साथ साथ सम्पत्ति की भी गम्भीर क्षति होती है। उन्हेने कहा कि यह आवश्यक है कि पिछले वर्षा के अनुभव के आधार पर सूखा, आंधी, तूफान व बाढ जैसी देवी आपदा तथा उससे उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली जाये। उन्होने कहा कि आपदा आने की स्थिति में जन एवं धन की हानि कम से कम हो और पीडित व्यक्तियों को अविलम्ब राहत पहुंचायी जा सके। उन्हेने कहा कि किसी क्षेत्र को औपचारिक रूप से बाढ ग्रस्त घोषित नही किया जाता है परन्तु अपेक्षा यह होती है कि आपदा आने पर जिला प्रशासन द्वारा तत्काल बचाव एवं राहत कार्य आरम्भ कर दिया जाये।
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय आज कलैक्टेऊेट सभागार में स्टीयरिंग ग्रुप व बाढ, सूखा आदि आपदाओं की कार्ययोजना के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ आवश्यक बैठक कर रहे थे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों के निर्देश दिये कि आपदा से सम्बन्धित स्थिति की पिछले वर्षा की कार्ययोजना देख ली जाये। उन्हेने निर्देश दिये कि सभी सम्बन्धित विभाग ३० अप्रैल तक अपनी अपनी कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करे। उन्होने सिंचाई विभाग को निर्देश दिये कि गत वर्षा मे जहां जहां आपदा/बाढ आयी है वहां का भ्रमण कर लिया जाये और वहां के नाले व पुल आदि का कार्य पूर्ण कराया जाये। उन्होने कहा कि बाढ चौकियों व केन्द्रो की स्थापना की जाये। उन्होने निर्देश दिये कि सिंचाई विभाग सूचना के आदान प्रदान के लिए अपना अलग से एक डाटा बैंक तैयार करे जिसमें सम्भावित ग्रामों के ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव वहां के गणमान्य लोग, लेखपाल, तहसीलदार व एसडीएम के नम्बर हो जिससे कि तत्काल पानी के बढने की स्थिति में सम्भावित ग्रामो/क्षेत्रो में समय रहते सूचना दी जा सके और जान व माल की हानि से बचा जा सके। उन्होने कहा कि बाढ सम्भावित क्षेत्रो में विद्युत विभाग व सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से निरीक्षण करे ले और यह सुनिश्चित करे कि बाढ आने पर तत्काल कार्यवाही की जा सके। उन्होने एसडीएम को निर्देश दिये कि सम्भावित बाढ प्रभावित क्षेत्रो व पिछले वर्ष आयी बाढ से प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर ले और बाढ चौकी व केन्द्रो की स्थापना के लिए स्थान चिन्हित कर ले। उन्होने निर्देश दिये कि जानवरों के लिए भूसा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि सम्भावित क्षेत्रों में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उन्होने कहा कि अभी से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाये। उन्होने कहा कि बाढ आने के बाद क्या-क्या सावधानियां बरती जाये इसका एक एक्शन प्लान बनाकर अपने पास रखे। उन्होने कहा कि नाव व बोट की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की जाये। उन्होने निर्देश दिये कि सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों को १० से १५ मई के मध्य प्रशिक्षण भी दिलाया जाये। उन्होने कहा कि एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाये।

जिलाधिकारी ने अत्यधिक गर्मी व लू चलने के कारण अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिये कि पानी के टैकरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होने कहा कि पानी की शुद्धता का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाये, ओवर हैड टैंको के पानी में क्लोरिन आदि का विशेष ध्यान रखा जाये। उन्हेने कहा कि हैंड पम्पों की व्यवस्था जनपद स्तर पर चौकिंग चलाकर देखी जाये की कितने हैंडपम्प खराब है और कितने सही है तथा कितनों में रिबोर की स्थिति है सभी को चिन्हित करे ले। उन्होने कहा कि तालाब जो भरे जाने है उनका चिन्हांकन कर उनमें पानी भरा जाये। उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनायें काफी प्रकाश में आती है घटनाओं को रोकने के लिए कृषि, विद्युत, दमकल विभाग व तहसील स्तर पर समन्वय कर आग की घटनाओं को रोकने कें लिए कार्यवाही/कार्ययोजना बनायी जाये। उन्होने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि आग लगने की घटनाओं में झूलसें हुई व्यक्तियों के प्राथमिक उपचार के लिए प्रत्येक पीएचसी व सीएचसी पर व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।

उन्होने कहा कि पशु चिकित्सालय पर भी पशुओं के लिए उपचार व टीकाकरण की व्यवस्था करायी जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मी में सूखे पदार्था की अधिकता के कारण आग लगने की सम्भावनाओं में भी वृद्धि हो जाती है जिससे जीवन आवास, पशु और फसल की हानि होती है इस लिए यह आवश्यक है कि अग्निकांड न्यूनीकरण हेतु आम जन को जागरूक बनाया जाये एवं आवश्कता पडने पर अग्नि शमन सेवाओं का तत्काल उपयोग हो सके इसकी व्यवस्था पहले से ही कर ली जाये। उन्होने कहा कि समय से पर्याप्त वर्षा न होने, सूखे की स्थिति उत्पन्न होने की दशा में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों का विषेशज्ञ परामर्श प्राप्त कर लिया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज कल गम हवायें व लू चल रही है ऐसी गर्मी से बचने की जरूरत है। उन्होने बताया कि गम लू से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा मं पानी, तरल पदार्थ जैसे छाछ, नीबू का पानी का उपयोग करे। हल्के रंग के सूती एवं ढीले कपडे पहने एवं सर को ढककर कडी धूप से बचाये। उन्होने कहा कि लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गिले कपडे से पोछे अथवा नहलाये तथा चिकित्सक से सम्पर्क करे। उन्होने कहा कि विशेष तौर पर दोपहर १२ बजे से ३ बजे के बीच सूर्य के ताप से बचने हेतु बाहर जाने से बचे। उन्होने कहा कि यात्रा करते समय पानी हमेशा अपने पास रखे। उन्होने कहा कि बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी वाहन के अन्दर बन्द करके न जाये। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक सम्भव हो घर पर ही रहे और घर की निचली मन्जिल पर ही रहे। उन्होने कहा कि जानवरों को छाया में बाधे और उन्हे पर्याप्त पानी पिलाये। बैठक में अपर जिलाधिकारी वि०/रा० आलोक कुमार, एसपी देहात, एसडीएम व सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

News Desk

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3 thoughts on “आपदा तथा उससे उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी

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