कचरे- कूड़े से कोयला बनाएगा Varanasi में प्लांट तैयार-600 सौ टन कूड़े से 200 टन कोयला तैयार किया जाएगा
भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्रदूषण की समस्या का सामना लगातार होता रहता है और इसे हल करने के लिए नए और सकारात्मक प्रयास की जरूरत है। इसी दिशा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने नवाचारिक और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कचरे से कोयला बनाने की पहल की है। यह एक ऐसा कदम है जो देश को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ ऊर्जा संग्रहण के क्षेत्र में भी सक्षम बना रहेगा।
Varanasi पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अनोखा प्लांट लगाया गया है जो कचरे- कूड़े से कोयला बनाएगा. देश में इस तरह के पहले प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों इसी महीने के अंत में होगा. इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और कचरे का निस्तारण होगा. इसके साथ ही प्लांट में कूड़े- कचरे से कोयला बनकर तैयार होगा. पीएम मोदी इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे; वे दो दिवसीय दौरे पर फरवरी के अंतिम सप्ताह में वाराणसी आ रहे हैं.
पीएम मोदी, अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करते हुए वाराणसी को करोड़ों की सौगात देने जा रहे हैं. इनमें से एक ऐसी सौगात है जिसकी डिमांड वाराणसी के जनता को वर्षों से थी और अब वो पूरी हो रही है. यह सपना वाराणसी में निकलने वाले कचरे के निस्तारण को लेकर था. इसे लेकर अब वाराणसी में देश का पहला प्लांट लगाया गया है जो वाराणसी में निकलने वाले कूड़े- कचरे से कोयला तैयार करेगा.
वाराणसी में लंबे समय से चल रही कूड़े से कोयला बनाने की कवायद पूरी हो चुकी है. इसको लेकर वाराणसी के रमना में प्लांट स्थापित किया गया है. यह प्लांट नगर निगम और एनटीपीसी के सहयोग से तैयार हुआ है, जिसमें 600 सौ टन कूड़े से 200 टन कोयला तैयार किया जाएगा. प्लांट, नेशनल थर्मल कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित होगा जो देश पहला कचरे से कोयला बनाने का प्लांट है.
पूरे प्लांट को मेड इन इंडिया के तर्ज पर तैयार किया गया है, जो बनारस के अलग- अलग हिस्सों से कचरा इकट्ठा कर उसे प्री हीट करके कचरे के मॉस्चर को खत्म करते हुए कोयला तैयार करेगा. नगर निगम ने कहा है कि इस प्लांट के रिजल्ट्स के बाद इसे अन्य शहरों और राज्यों में लगाया जा सकता है.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी एन. पी.सिंह ने बताया कि इस प्लांट से जहाँ कचरे का निस्तारण होगा तो वहीं आने वाले समय में कोयले की कमी को भी पूरा करेगा. वही हरित कोयले के रूप में पॉल्युशन फ्री कोयले का भी प्रोडक्शन नया कीर्तिमान रचेगा. इसकी शुरुआत 23 फरवारी को प्रधानमंत्री मोदी अपने हाथों से कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी जी के संसदीय क्षेत्र, वाराणसी में कचरे से कोयला बनाने का प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। यह प्रोजेक्ट वाराणसी के प्रदूषण को कम करने और ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ाने का उद्देश्य रखता है। इसके साथ ही, इस प्रोजेक्ट से कचरे का उपयोग करके एक नए और प्राकृतिक उत्पाद, यानी कोयला, बनाया जा रहा है।
प्रौद्योगिकी के पीछे का सिद्धांत:
यह प्रोजेक्ट उन्हीं प्रौद्योगिकीयों पर आधारित है जो कचरे का उपयोग करके ऊर्जा संग्रहण के क्षेत्र में काम करती है। इसमें कचरे को प्रोसेस करके कोयला बनाने की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सकता है और नवीनीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है।
प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण बातें:
यह प्रोजेक्ट कचरे के प्रबंधन के साथ-साथ ऊर्जा संग्रहण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से न केवल प्रदूषण को कम किया जा सकता है, बल्कि ऊर्जा संग्रहण के क्षेत्र में भी भारत को स्वतंत्र बनाने में सहायक हो सकता है। इस प्रोजेक्ट के साथ-साथ नई रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और लोगों को आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त होगी।
वाराणसी में यह प्रोजेक्ट एक बड़ा कदम है जो प्रदूषण को कम करने और ऊर्जा संग्रहण को बढ़ाने की दिशा में हमें आगे बढ़ा सकता है। यह एक प्रेरणास्पद उदाहरण है जो देश भर में प्रदूषण को कम करने और स्वतंत्र ऊर्जा के लिए नए और नवाचारी प्रयासों को प्रोत्साहित कर सकता है।
इस प्रोजेक्ट के सफलता के बाद, इसे अन्य शहरों और राज्यों में भी लागू किया जा सकता है जो देश को एक स्वच्छ, हरित और संतुलित पर्यावरण की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगा।
इस प्रक्रिया में नवाचार, प्रौद्योगिकी और सामाजिक उपयोग का संयोजन है, जो भारत को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने और स्वतंत्र ऊर्जा की आपूर्ति को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है। यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे सामर्थ्य, सहयोग और संघर्ष से हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं। यह भारतीय समाज के लिए एक बड़ी कामयाबी है और इसे आगे बढ़ाने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए।

