लोकायुक्त पुलिस की शक्ति बहाल-Karnataka एसीबी को भंग करने का आदेश-मुख्यमंत्री Basavaraj Bommai
Karnataka भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) को भंग करने और लोकायुक्त पुलिस शाखा की शक्तियों को बहाल करने के उच्च न्यायालय के फैसले के बाद मुख्यमंत्री Basavaraj Bommai ने शुक्रवार को कहा कि सरकार इस आदेश का पालन करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2018 के घोषणापत्र में इसका वादा किया था.
Basavaraj Bommai ने चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादे को पूरा करने में देरी का कारण मामले का अदालत में लंबित होना बताया तथा कहा कि विधि विभाग और महाधिवक्ता को निर्देश दिया गया है कि वे फैसले के क्रियान्वयन के लिए पूरे आदेश का अध्ययन करें.
मुख्यमंत्री Basavaraj Bommai ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘कैबिनेट में इस बारे में अनौपचारिक रूप से चर्चा हुई. हमने एसीबी के बारे में अपने घोषणापत्र में जो कहा था, उसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं. पूरे फैसले का अध्ययन कर कानून मंत्री, उनके विभाग के अधिकारी और महाधिवक्ता हमें बताएंगे
इस दिशा में कैसे आगे बढ़ना है और उस आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हमने अपने घोषणा पत्र में पहले ही कहा था कि हम एसीबी को खत्म करेंगे और लोकायुक्त को कायम रखेंगे. चूंकि, मामला अदालत में था, इसलिए हम फैसला नहीं ले सके. अब, अदालत ने अपना फैसला दे दिया है, हम अपने घोषणापत्र का पालन करेंगे.’
मुख्यमंत्री Basavaraj Bommai ने कैबिनेट बैठक से पहले कहा था, ‘उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को एसीबी के संबंध में अपना फैसला सुनाया. हम अदालत के आदेश में दिए गए दिशानिर्देशों और अपनी पार्टी के घोषणापत्र को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को कैबिनेट में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.’ न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा और न्यायमूर्ति के. एस. हेमलेखा की पीठ का फैसला एसीबी के गठन और उसके बाद 16 मार्च, 2016 के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आया.
अदालत ने कहा कि एसीबी के समक्ष लंबित सभी मामलों को अब लोकायुक्त पुलिस शाखा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. उच्च न्यायालय ने कहा, हालांकि, एसीबी द्वारा अब तक की गई सभी कार्रवाई मान्य होगी.