Priyanka Gandhi का हमला’: क्या केंद्र सरकार नेहरू के नाम पर छिपा रही है अपनी नाकामियां?
लोकसभा में संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद Priyanka Gandhi वाड्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन में न केवल संविधान के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि वर्तमान सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए। प्रियंका गांधी ने कहा, “संविधान ने हर नागरिक को अधिकार दिया है कि वह सरकार बना भी सकता है और गिरा भी सकता है। यह संविधान हमारे देश का सुरक्षा कवच है। यह न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कवच है।”
केंद्र पर अतीत की राजनीति का आरोप
Priyanka Gandhi ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग अतीत की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “क्या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू की है? क्या वर्तमान में इस सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है?” उन्होंने सरकार से पूछा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रियंका ने कहा, “आज देश का किसान भगवान भरोसे है। सरकार ने कृषि कानून बड़े उद्योगपतियों के हित में बनाए। हिमाचल में सेब के किसान रो रहे हैं क्योंकि एक व्यक्ति के लिए नीतियां बदली जा रही हैं।”
संविधान के महत्व पर जोर
प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम सत्य और अहिंसा पर आधारित था और यह एक अनोखा लोकतांत्रिक आंदोलन था। इसमें हर वर्ग, धर्म और भाषा के लोग शामिल थे। उन्होंने संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले नेताओं जैसे बाबासाहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद, सी. राजगोपालाचारी और जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “यह सरकार संविधान को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। निजीकरण और लैटरल एंट्री जैसे कदम आरक्षण को खत्म करने की ओर बढ़ रहे हैं। अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे अलग होते, तो यह सरकार संविधान को बदलने का काम शुरू कर देती।”
संवेदनशील मुद्दों पर प्रियंका का बयान
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक परिवार का जिक्र किया, जहां दो बच्चों, अदनान और अफरोज, को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा, “यह संविधान हमें अन्याय के खिलाफ खड़े होने का अधिकार देता है, लेकिन आज यह सरकार संवेदनशील मुद्दों पर भी असंवेदनशील बनी हुई है।”
क्या नेहरू ही हर समस्या के जिम्मेदार हैं?
प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज की सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए नेहरू का नाम लेती है। उन्होंने कहा, “नेहरू जी ने देश को एक मजबूत नींव दी। लेकिन आज की सरकार उस नींव पर सवाल उठाकर अपने कर्तव्यों से भाग रही है।”
किसानों और मजदूरों के मुद्दे
प्रियंका ने कहा कि सरकार की नीतियां केवल बड़े उद्योगपतियों के फायदे के लिए बनाई जा रही हैं। उन्होंने हिमाचल के सेब किसानों का उदाहरण देते हुए कहा कि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है। “कृषि कानूनों ने किसानों की हालत और खराब कर दी है। यह सरकार केवल अपने करीबी उद्योगपतियों की सेवा में लगी हुई है,” उन्होंने कहा।
‘संविधान को कमजोर करने का षड्यंत्र’
प्रियंका गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “संविधान को कमजोर करने की शुरुआत निजीकरण और लैटरल एंट्री से की जा रही है। यह आरक्षण को खत्म करने की साजिश है।”
जनता से सीधा संवाद
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण के जरिए देश की जनता को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, “यह समय है कि जनता अपनी आवाज उठाए। सरकार से सवाल पूछे। संविधान ने हमें यह अधिकार दिया है।”
क्या प्रियंका गांधी का भाषण 2024 की राजनीति को बदलेगा?
Priyanka Gandhi का यह तीखा भाषण 2024 के चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। उनकी बातों ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है, बल्कि विपक्षी दलों को भी एकजुट होने का संदेश दिया है।
प्रियंका गांधी के इस भाषण ने न केवल सरकार की आलोचना की बल्कि जनता को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका यह कदम राजनीति में क्या बदलाव लाता है।