कोविड-19 से उबरने के अपने प्रयासों के केंद्र में महिलाओं को रखें-एंतोनियो गुटेरेश
एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिभाभर की सरकारों से अपील की कि वे कोविड-19 से निपटने के अपने प्रयासों के केंद्र में महिलाओं एवं लड़कियों को रखें और उन पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने आशंका जताई कि लैंगिक समानता और महिला अधिकारों की रक्षा की दिशा में पिछले कई दशकों में जो थोड़ी-बहुत प्रगति हुई, वह इस महामारी के कारण खतरे में है।
The #COVID19 pandemic is having devastating economic consequences for women & girls.
I urge governments to put forward measures targeted at women: cash transfers, credits, expanded social safety nets & the recognition of unpaid care work as a vital contribution to the economy.
— António Guterres (@antonioguterres) April 10, 2020
#COVID19 is not only challenging global health systems, but testing our common humanity.
Gender equality and women’s rights are essential to getting through this pandemic together, to recovering faster, and to building a better future for everyone.https://t.co/LsfAcITRsb
— António Guterres (@antonioguterres) April 9, 2020
यह महामारी ऐसे समय पर फैली है जब दुनिया महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता पर कार्रवाई के लिए ऐतिहासिक बीजिंग प्लेटफॉर्म की 25वीं वर्षगांठ मना रही है। दुनिया के लगभग हर देश में कोरोना संक्रमितों के मामले सामने आए हैं। अब तक इसकी वजह से 16 लाख 21 हजार 348 लोग संक्रमित हैं और एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी की शुरुआत पिछले साल चीन से हुई थी।
वायरस से जहां लगभग सभी लोग प्रभावित हैं, वहीं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने महिलाओं और लड़कियों पर महामारी के विनाशकारी परिणामों को उजागर किया, जिसमें स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था से लेकर सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा तक हर क्षेत्र शामिल हैं। दुनिया भर में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करती हैं, कम पैसे कमाती हैं, कम बचत करती हैं और उनके गरीबी में जाने का खतरा अधिक है।
गुटेरेश ने कहा कि मैं सरकारों से आग्रह करता हूं कि कोविड-19 से उबरने के अपने प्रयासों के केंद्र में महिलाओं और लड़कियों को रखें। जिसकी शुरुआत महिलाओं को नेता, समान प्रतिनिधित्व और निर्णय लेने की शक्ति के साथ होती है। कैश ट्रांसफर से लेकर क्रेडिट और लोन तक, अर्थव्यवस्था को बचाने और प्रोत्साहित करने के उपाय, महिलाओं को लेकर लक्षित होने चाहिए।