देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है।
Even one incident against our frontline health workers can hurt their morale and strength. I appeal to you that none of us commits any act by which morale of our frontline #CoronaWarriors get affected: @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/vq7z7z4uLB
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) April 10, 2020
उन्होंने बताया कि फिलहाल देश को एक करोड़ टेबलेट की जरूरत है और हमारे पास 3.28 करोड़ टेबलेट मौजूद हैं। देश में इस दवा का पर्याप्त भंडार है।भारत ने कुछ दिनों पहले इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था
लेकिन अमेरिका और ब्राजील जैसे अन्य देशों के अनुरोध पर इस प्रतिबंध को हटा लिया गया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा (70 फीसदी) हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उत्पादक देश है। इस क्षेत्र में भारत की तीन फार्मास्युटिकल कंपनियों (आईपीसीए, कैडिला, वालैक) की बादशाहत है। भारत महीने में करीब 40-45 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बना सकता है।
यह दवा मुख्य रूप से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होती है। आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) की एडवाइजरी के मुताबिक, ये दवा उन चिकित्साकर्मियों को दी जा सकती है जो संदिग्ध या संक्रमित कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं। इसके अलावा प्रयोगशालाओं में संक्रमित मरीजों के घरवालों को भी यह दवा देने की सलाह दी गई है।