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मनसा देवी जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस पलटी

लोनी बॉर्डर से मनसा देवी के दर्शन करने के लिए हरिद्वार जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस लिब्बरहेड़ी के नजदीक हाईवे पर बने डिवाइडर से टकराकर पलट गई। हादसे में 41 श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों की चीखपुकार सुन आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से घायलों को रुड़की के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। तीन की हालत नाजुक देख उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है। सभी श्रद्धालु गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा और औरैया के रहने वाले हैं।

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पुलिस के अनुसार, लोनी बॉर्डर (गाजियाबाद) स्थित एक आश्रम से धार्मिक यात्रा के लिए बसें चलती हैं। इसी आश्रम से शनिवार सुबह एक बस कालका मंदिर होते हुए हरिद्वार स्थित मनसा देवी के लिए करीब 42 श्रद्धालुओं को लेकर चली थी।

करीब सात बजे बस जैसे ही मंगलौर के लब्बरहेड़ी गांव के पास हाईवे पर पहुंची तो अचानक अनियंत्रित होकर हाईवे के डिवाइडर से टकराकर पलट गई। श्रद्धालुओं की चीखपुकार सुन आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। लोगों ने घटना की जानकारी मंगलौर कोतवाली पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से घायलों को बस से बाहर निकालकर एंबुलेंस व निजी वाहनों से रुड़की स्थित सिविल अस्पताल पहुंचाया। तीन की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया जबकि अन्य श्रद्धालुओं की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही हैै।

एसएसआई देवेंद्र रावत की मानें तो बस तेज रफ्तार के चलते डिवाइडर से टकराकर पलटी है। बस सवार 41 श्रद्धालु घायल हुए हैं। चालक से घटना की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि घायल श्रद्धालु दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, औरैया समेत अन्य स्थानों के रहने वाले हैं। घायलों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है।बताया जा रहा है कि हादसा बस चालक को झपकी आने के कारण हुआ और बस तेज रफ्तार में भी थी। लिहाजा बस डिवाइडर से टकरा गई और चालक अपना नियंत्रण खो बैठा। उधर, यह छानबीन कर रही है कि क्या सही में चालक को नींद लगने से हादसा हुआ है या नहीं।सुबह करीब सात बजे हादसा हुआ तो ग्रामीण अपने-अपने खेतों या काम पर जा रहे थे। घायलों की चीख पुकार सुन ग्रामीण अपना कामकाज छोड़कर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने घायलों को बस के अंदर से निकाला और पानी पिलाया। इसके बाद पुलिस के साथ मिलकर घायलों को एंबुलेंस और निजी वाहन में बैठाकर अस्पताल भिजवाया।