Allahabad High Court ने घर में घुसकर परिवार की पिटाई में छात्रा की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा
Allahabad High Court ने चंदौली सैयदराजा थाना पुलिस की ओर से गुंडा एक्ट के तहत छापे के दौरान घर में घुसकर परिवार की पिटाई में छात्रा की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 29 जुलाई को होगी. यह आदेश जस्टिस डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस गौतम चौधरी की खंडपीठ ने विजय यादव उर्फ रणविजय यादव व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.
याचिका पर सीबीआई की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने पक्ष रखा. जानकारी के अनुसार 1 मई 2022 को एसएचओ शैयदराजा उदय प्रताप सिंह ने पुलिस टीम के साथ मनराजपुर गांव के कन्हैया यादव के घर पर दबिश दी. कन्हैया के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी. एडीएम चंदौली ने 6 फरवरी 2022 को गुंडा घोषित किया था.
पुलिस टीम को कन्हैया यादव नहीं मिला तो परिवार के सदस्यों की जमकर पिटाई की जिसमें 21 वर्षीय छात्रा निशा यादव की पुलिस पिटाई से मौके पर ही मौत हो गई. भाई याची का चालान कर दिया गया. पुलिस को बहन गुंजा यादव की तरफ से शिकायत दी गई लेकिन उसे दर्ज नहीं किया गया. इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया. बाद में कमिश्नर व तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद याची जमानत पर रिहा हुआ.
इसके बाद 2 मई 2022 को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. सरकार ने पुलिस के खिलाफ केस की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी है. 18 मई को परिवार के सदस्यों का पुलिस ने बयान दर्ज किया. मृतका का तीन डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया लेकिन मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका.
मृतका के शरीर पर चोटे व गले में आधे फंदे के निशान की फोटोग्राफ सहित अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस पर हत्या करने का परिवार ने आरोप लगाया है. याची का कहना है कि पुलिस द्वारा पीट कर हत्या करने की हाईकोर्ट जज से न्यायिक जांच या एसआईटी जांच या सीबीआई जांच करवाई जाए. साथ ही मृतका के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की भी प्रार्थना की गई है.
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