बेटे से लिपट कर रोती रही मां-बाप सहित सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या करने वाली शबनम
मथुरा. फांसी का फंदा उसके करीब है। प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात सदस्यों का कत्ल करने वाली शबनम की हैवानियत सुर्खियों में है। बुलंदशहर के एक दंपती ने इंसानियत दिखाते हुए उस मासूम को अपनाया, जिसे कोई गोद लेना तो दूर देखना भी नहीं चाहता था। जेल में पैदा हुए शबनम के इस बेटे की अब यह दंपती परवरिश कर रहा है। लड़का एक स्कूल में छठी में पढ़ रहा है। बच्चा दंपती को छोटी मम्मी-पापा कहता है।
13 दिसंबर 2008 को शबनम ने मुरादाबाद की जेल में एक बेटे को जन्म दिया था, जिसे बुलंदशहर के दंपती ने गोद लिया हुआ है। दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही दंपती उसे रामपुर जेल में बंद शबनम से मिलवाने ले गया था। जब मां ने बेटे को देखा तो फफक कर रोने लगी और काफी देर तक शबनम बेटे से लिपटकर रोती रही। शबनम बेटे से बार-बार कह रही थी कि पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बनना। मैं एक बुरी मां हूं इसलिए मुझे कभी याद मत करना।
दंपती के मुताबिक, शायद उसे अपनी मौत का अहसास हो गया है। जेल से लौटते समय बच्चे ने दंपती से पूछा कि पापा, बड़ी मम्मी क्यों रो रही थीं। मुझे बार-बार क्यों चूम रही थीं। ऐसा क्यों कह रही थीं कि पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बनना। दंपती कहते हैं कि तारीख तय होने पर वह बच्चे को उसकी मां से अंतिम बार मिलवाने जरूर ले जाएंगे।
शबनम का बेटा 6 साल 7 माह और 21 दिन मां के साथ जेल में रहा था। बाल कल्याण समिति ने बच्चे की अच्छी परवरिश को लेकर 30 जुलाई 2015 को उसे बुलंदशहर के इस दंपती को सौंप दिया था। तब से बच्चा परिवार का हिस्सा है।
शबनम यूपी के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली है। उसने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता सहित सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस वारदात को 14 और 15 अप्रैल 2008 की रात को अंजाम दिया गया था।