Syed Modi assassination: शूटर भगवती सिंह की अपील Lucknow हाईकोर्ट बेंच से खारिज
Syed Modi assassination: 28 जुलाई 1988 को नेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी सैयद मोदी की लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम के बाहर गोलियां बरसा कर हत्या कर दी गई थी. शाम 7:45 पर मारुति सवार दो शूटर्स ने सैयद मोदी को गोली मारी थी. उस वक्त के सबसे हाई प्रोफाइल मर्डर की जांच सीबीआई ने की थी. हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने सैयद मोदी हत्याकांड के शूटर भगवती सिंह उर्फ पप्पू की अपील को खारिज करते हुए उसकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है.
सीबीआई ने इस मामले में कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सिंह, अमिता कुलकर्णी मोदी, अखिलेश सिंह, बलई सिंह, अमर बहादुर सिंह, जीतेंद्र सिंह उर्फ टिंकू और भगवती सिंह उर्फ पप्पू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट के मुताबिक सैयद मोदी की पत्नी अमिता मोदी से संजय सिंह के विवाहेतर संबंध थे. इस संबंध में सैयद मोदी रोड़ा बन रहे थे. इसलिए सैयद मोदी को रास्ते से हटाने के लिए इस पूरे हत्याकांड हो अंजाम दिया गया था.
सेशन कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही संजय सिंह और अमिता मोदी को आरोपों से बरी कर दिया था, वहीं अखिलेश सिंह के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आरोप तय किए जाने को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. बलई सिंह और अमर बहादुर सिंह की ट्रायल के दौरान हत्या हो गई थी.
सेशन कोर्ट ने 22 अगस्त 2009 को भगवती सिंह उर्फ पप्पू को इस हत्या का दोषी पाते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी. सेशन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पप्पू ने हाईकोर्ट में अपील की थी और यह दलील दी थी कि घटना कारित करने की जो वजह अभियोजन ने बताई थी वह संजय सिंह और अमिता मोदी के संबंध में थी.

