Pune:कला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हो रहे हमलों की जलेस द्वारा निंदा, कड़ी कारवाई की मांग
Pune विश्वविद्यालय के प्रशासन ने हंगामा करनेवालों का पक्ष लेते हुए अपने बयान में न सिर्फ़ भावनाएं आहत होने के संबंध में क्षमा-याचना की बल्कि ‘किसी मिथकीय या ऐतिहासिक व्यक्ति की पैरोडी’ को ‘पूरी तरह से ग़लत और प्रतिबंधित’ बताया। उसके बाद 6 फरवरी को हुई विश्वविद्यालय की प्रबंधन परिषद की बैठक की शुरुआत अनेक सदस्यों द्वारा ‘जय श्रीराम’ के नारे के साथ हुई।
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