जिन्होंने भारत के खिलाफ इस्लामी देशों को उकसाया,से लोगों पर देशद्रोह का मामला चलाया जाना चाहिए: Uday Mahurkar
केंद्रीय सूचना आयोग में नियुक्त पूर्व पत्रकार उदय माहूरकर (Uday Mahurkar) ने ट्वीट कर इस्लामिक देशों को भड़काने वाले भारतीयों पर कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने लिखा है, अब समय आ गया है कि भारत उन भारतीय नागरिकों की सूची बनाए जिन्होंने भारत के खिलाफ इस्लामी देशों को उकसाया।
ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मामला चलाया जाना चाहिए। यह उनकी देश विरोधी गतिविधि है। कानून बनाकर ऐसे लोगों की संपत्ति को कुर्क भी किया जा सकता है।
In a multi-religious nation all religions & prophets should be respected.Action too has been taken.But this is 1-sided debate.Did you protest when ZakirNaik insulted our prophets & when MF Hussain was drawing most blasphemous images of our Gods.Secularism can’t be a 1-way traffic https://t.co/IvQDnYG5vo
— Uday Mahurkar (@UdayMahurkar) June 9, 2022
जाकिर नाइक और एमएफ हुसैन का सवाल उठाते हुए उदय माहूकार (Uday Mahurkar) ने लिखा, ”क्या कभी नफरत फैलाने वाले जाकिर नाइक और एमएफ हुसैन की उनके अद्वितीय ईशनिंदा के लिए निंदा की गई?” मौजूदा वक्त को राष्ट्रीय जागरण का नया युग बताते हुए उदय ने कहा, ”एकतरफा धर्मनिरपेक्षता और हिंदू कीमत पर हिंदू-मुस्लिम एकता के दिन अब राष्ट्रीय जागरण के इस नए युग में चले गए हैं।”
The Nation has taken measures on the Prophet controversy. Now time for India to make a list of Indian citizens who instigated Islamic nations against India & charge them with treason. Their’s is anti-national activity. Even their property could be attached by enacting a Law. pic.twitter.com/1APV0R4aZj
— Uday Mahurkar (@UdayMahurkar) June 8, 2022
एक तरफ सूचना आयुक्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। दूसरी तरफ गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी समेत कई लोगों पर केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि हमने सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सोशल मीडिया विश्लेषण के आधार केस दर्ज किया है। ओवैसी का सवाल है कि उनकी आखिर उन्होंने कौन सी ऐसी टिप्पणी की जो आपत्तिजनक थी, जिस पर केस दर्ज किया गया है।
इस मामले को लेकर ओवैसी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया है। अपने पहले ट्वीट में ओवैसी लिखते हैं, ”मुझे FIR का एक हिस्सा मिला है। यह पहली FIR देख रहा हूँ, जिसमें ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि अपराध क्या है। कल्पना कीजिए, हत्या के मामले में FIR दर्ज हो और पुलिस ये बताए ही न कि किस हथियार से हमला किया गया या हत्या का कारण क्या था। इसी तरह मुझे नहीं पता कि मेरी किस टिप्पणी के कारण मुझ पर FIR की गई है।”
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