जब तक किसानो की समस्याओ का समाधान नही होगा तब तक आन्दोलन जारी रहेगाः नरेश टिकैत
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन द्वारा आयोजित किसान महापंचायत मे आसपास के जनपदो सहित हजारो किसानो ने हिस्सा लिया। भाकियू की महापंचायत के कारण रैली स्थल व उसके आसपास दूर तक वाहनो की लम्बी कतार लगी रही।
राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान मे आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ.नरेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किए गए अध्यादेशों का देश के किसान विरोध कर रहे हैं।
वहीं केन्द्र सरकार द्वारा इन अध्यादेशों को एक देश एक बाजार के रूप मे कृषि सुधार की दशा मे एक बडा कदम बता रही है।
भाकियू सुप्रीमो चौ.नरेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन इन अध्यादशों को कृषि क्षेत्र मे कम्पनी राज के रूप मे देख रही है। उन्होने कहा कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा भी इसको संघीय ढांचे का उल्लंघन मानते हुए इन्हे वापिस लिए जाने की मांग कर रही है। कुछ राज्य सरकारों द्वारा इसको संघीय ढांचे उल्लंघन मानते हुए इन्हे वापिस लिए जाने की मांग कर रही हैं।
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि देश के अनेक हिस्सो में इसके विरोध मे किसान आवाज उठा रहे हैं। भाकियू नेता चौ.नरेश टिकैत ने महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षो से गन्ना मूल्य न बढने के कारण गन्ने की उत्पादन लागत मे वृद्धि हुई है। जिस कारण गन्ना किसानो को घाटा हो रहा है। उन्होने कहा कि भाकियू सरकार से मांग करती है कि आगामी वर्ष मे गन्ने का मूल्य 450 रूपये प्रति कुन्तल किया जाए।
प्रदेश के गन्ना किसानो का बकाया गन्ना भुगतान ब्याज सहित अविलम्ब किया जाए। उत्तर प्रदेश गन्ना अधिनियम तथा शुगर केन कंट्रोल आर्डर 1996 की क्लाज 3ए के प्रावधान के अनुसार गन्ना खरीद के उपरांत 14 दिन के अन्दर गन्ने के भुगतान न करने पर लम्बित अवधि के ब्याज सहित गन्ना किसानो का बकाया गन्ना भुगतान अविलम्ब कराया जाए।
उन्होने कहा कि प्रत्येक गन्ना किसान की लेखा-जोखा हेतु गन्ना पासबुक जारी की जानी चाहिए। गन्ना खरीद नीति मे कोई बदलाव ना किया जाए। चौ.नरेश टिकैत ने कहा कि भाकियू हमेशा से किसान हितो की लडाई लडती रही है। जब तक किसानो की समस्याओ का समाधान नही होगा। तब तक भाकियू का आन्दोलन जारी रहेगा।
उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानो की समस्याओ की अनदेखी कर रही है। जो उचित नही है। सरकार को किसानो की समस्या पर गंभीरता से विचार करना होगा।
चीनी मिलो द्वारा बकाया गन्ना भुगतान ना हो पाने से किसान आर्थिक तंगी का दंश झेल रहा है। श्री टिकैत ने कहा कि पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ की तर्ज पर उत्तर प्रदशे मे भी न्यूनतम समर्थन मूल्य सेकम पर फसलों की खरीद को अपराध घोषित किया जाना चाहिए। इसका सब से बडा लाभ यह होगा कि दिनरात खेतो मे मेहनत मशक्कत करने वाले किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल सकेगा।
चौ. नरेश टिकैत ने आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण अवार्ड में कानून के विरूद्ध बिना फसल का मुआवजा दिए मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मिर्जापुर,सहारनपुर एवं शामली मे किसानो की तैयार फसलें नष्ट कर दी गई।
ऐसा करने वाले जिम्मेदार व्यक्तियो के विरूद्ध ठोस कार्यवाही की जानी चाहिए तथा किसानो की नष्ट की गई फसलों का मुआवजा दिलाया जाए। उत्तर प्रदेश मे किसानो पर दायर फर्जी मुकदमे तुरंत वापिस लिए जाए।
इस दौरान ओमपाल मलिक, राजू अहलावत,धीरज लाठियांन,अशोक ,मांगेराम त्यागी बुलंदशहर, दिनेश खेड़ा हापुड़,चाँदवीर सिंह, कपिल सोम,मोहित बालियान, देव अहलावत, कुशलवीर,संजीव पंवार, महकार सिंह,मोनू ठाकुर,सतेंद्र पुंडीर,योगेश शर्मा,मानसिंह,राजसिंह आर्य,सतेंद्र फौजी,अंकित राठी,नवीन राठी
मनीष प्रधान ,सतेंद्र रसूलपुर, बिजेंद्र बालियान, शाहिद आलम ,पीयूष पंवार ,धन सिंह काकड़ा, राजपाल सिंह ,विपिन बालियान सहित हजारो किसान मौजूद रहे।
रैली के अंत में भाकियू द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया।