मुजफ्फरनगर में भूमि अधिग्रहण को लेकर जमकर हंगामा, रालोद जिलाध्यक्ष सहित कईं गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर। अपने किए गए वायदे से मुकरते हुए प्रशासन ने बुद्धवार को डेडीकेटेड फ्रेट काडीडोर में अधिगृहित किसानों की जमीन पर कब्जा करते हुए जेसीबी चलवाकर फसल को नष्ट करा दिया।
किसानों की जमीन पर खडी फसलों को नष्ट करने का विरोध करके काम रुकवाने पहुँचे रालोद जिलाध्यक्ष सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत मे लेकर थाने लाकर छोड़ दिया गया।रेलवे द्वारा किसानों की अधिगृहित जमीन का समान मुआवजा व जमीन पर खडी फसलों का मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर रालोद जिलाध्यक्ष अजित राठी के नेतृत्व में किसानों ने मंसूरपुर रेलवे स्टेशन पर चार दिनों तक धरना दिया था।
सोमवार को एडीएम एफ आलोक कुमार ने किसानों की मांगों पर बुधवार को रेलवे अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के समक्ष किसानों का प्रतिनिधिमंडल बुलाकर बुधवार को इस मामले में वार्ता करने की बात कही थी।
जिसके बाद धरना समाप्त करा दिया गया था। बुद्धवार को रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी तथा संजय राठी के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा था किसानों को कलक्ट्रेट मे वार्ता के लिए बुलाया था।
रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी व जिला पंचायत सदस्य संजय राठी के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा था।वहां पहुंचते ही उन्हें सूचना मिली कि एसडीएम खतौली इन्द्रकांत द्विवेदी व सीओ खतौली आशीष प्रताप सिंह ने भारी पुलिस बल व पीएसी की मौजूदगी में रेलवे लाइन के समीप खानुपुर व इस्लामाबाद के जंगल में किसानों की अधिगृहित जमीन पर कब्जा करने के लिए जेसीबी की मदद से फसलों को खुर्द बुर्द किया जा रहा है।
यह जानकारी मिलते ही रालोद जिलाध्यक्ष बैठक छोडकर दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ मंसूरपुर पहुँच गए तथा प्रशासन की कार्यवाही का विरोध करते हुए रेलवे स्टेशन के बराबर में अंगद प्रधान के खेत में चल रहे कार्य को रुकवाना चाहा।
मगर एसडीएम खतौली के निर्देश पर सभी को हिरासत में ले लिया गया।हिरासत में लिए गए रालोद जिलाध्यक्ष अजित राठी,जिला पंचायत सदस्य राठी,पंकज राठी,सुधीर भारतीय,विकास कादियान आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस मंसूरपुर थाने ले आई।प्रशासन की कार्यवाही के विरोध में काफी देर तक रालोद कार्यकर्ता थाने में ही बैठे रहे।
बाद में सभी उठकर चले गए थे। इस मामले में एसडीएम खतौली इंद्रकांत द्विवेदी का कहना है कि प्रशासन द्वारा किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।वह खुद ही चल कर थाने आए थे।किसानों को अगर कोई आपत्ति है तो वह कोर्ट का सहारा ले सकते हैं। प्रशासन अपना काम कर रहा है।