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Muzaffarnagar की शान बनी रिया सैनी: गांव टांडा से निकलकर UPSC में 22वीं रैंक, अब बनेंगी IAS अफसर

Muzaffarnagar/चरथावल:उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा गांव टांडा, जो आमतौर पर अपने खेत-खलिहानों के लिए जाना जाता है, आज पूरे देश की सुर्खियों में है। वजह है, इस गांव की होनहार बेटी रिया सैनी, जिसने UPSC 2024 की परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल कर पूरे ज़िले और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया। रिया की इस ऐतिहासिक सफलता ने न केवल उसके परिवार का सिर गर्व से ऊँचा किया है, बल्कि उस हर ग्रामीण बेटी को एक नई उम्मीद दी है जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती है।


दूसरे प्रयास में मिली सफलता, लक्ष्य सिर्फ IAS बनना था

रिया का UPSC का सफर आसान नहीं था। उन्होंने 2023 में पहले प्रयास में आईआरटीएस (Indian Railway Traffic Service) में चयन पा लिया था। लेकिन उनका असली सपना IAS बनने का था। उन्होंने हार नहीं मानी। परिवार का संबल, खुद पर भरोसा और लगातार मेहनत ने उन्हें 2024 में वह मुकाम दिलाया, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी। यह सफलता उनके अटूट संकल्प, समर्पण और जुनून की मिसाल है।


पारिवारिक पृष्ठभूमि: मेहनती पिता, शिक्षित परिवेश और खेलों में रुचि रखने वाला भाई

रिया सैनी एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहाँ शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। उनके पिता मुकेश कुमार सैनी, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में मुख्य अभियंता के पद पर दिल्ली में कार्यरत हैं। मां प्रीति सैनी एक गृहिणी हैं जो बेटी की पढ़ाई और सफलता के हर मोड़ पर उसके साथ खड़ी रहीं। रिया का छोटा भाई अनमोल सैनी, लॉन टेनिस का राष्ट्रीय खिलाड़ी है और अब इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है।

दिलचस्प बात ये है कि रिया के पिता मुकेश कुमार भी वर्ष 1983 में इंटरमीडिएट परीक्षा के जिला टॉपर रह चुके हैं। साफ है कि मेहनत और लगन उनके खून में है।


गांव में जश्न का माहौल, पूरे क्षेत्र में छाई खुशी की लहर

रिया की सफलता की खबर जैसे ही टांडा गांव पहुंची, पूरे गांव में ढोल-नगाड़े बजने लगे, मिठाइयां बांटी गईं, और बधाइयों की कतार लग गई। ग्रामीणों का कहना है कि रिया ने यह साबित कर दिया कि छोटे गांव की बेटियां भी बड़े सपने साकार कर सकती हैं, बशर्ते उन्हें सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले।

गांव के बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक हर कोई रिया के नाम की प्रशंसा करते नहीं थक रहा। स्कूलों में बच्चियों को रिया की कहानी बताई जा रही है ताकि उनमें भी कुछ कर गुजरने का जज़्बा जागे।


रिया की सोच: समाज के लिए काम करना है, महिला शिक्षा को बढ़ावा देना है

रिया सैनी का सपना सिर्फ आईएएस बनना नहीं था, बल्कि वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती हैं। उनका कहना है कि वह महिला शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, और गांवों के समग्र विकास के लिए काम करना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि गांव की लड़कियों को भी वैसी ही सुविधा और अवसर मिले, जैसी उन्हें मिले।

वो कहती हैं, “मुझे उत्तर प्रदेश या महाराष्ट्र कैडर मिलने की उम्मीद है। मैं अपने राज्य के लोगों के लिए कुछ ऐसा करना चाहती हूं, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी गर्व कर सकें।”


UPSC जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी कैसे की, जानिए रिया की जुबानी

रिया बताती हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए एक स्ट्रक्चर्ड टाइमटेबल, नियमित मॉक टेस्ट, और करंट अफेयर्स की गहरी समझ विकसित की। उन्होंने खुद को डिजिटल डिस्ट्रैक्शन से दूर रखा और मानसिक स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा। सेल्फ स्टडी के साथ-साथ उन्होंने कुछ प्रमुख कोचिंग प्लेटफॉर्म्स से भी सहायता ली।

वो युवा छात्रों को सलाह देती हैं कि अगर आप दिल से मेहनत करें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। लगातार सीखते रहना, गलतियों से डरना नहीं, और आत्मविश्वास बनाए रखना सबसे जरूरी है।


महिला सशक्तिकरण का नया चेहरा बनी रिया

आज जब देश महिला सशक्तिकरण की बातें करता है, तो रिया जैसी बेटियां उन सपनों को साकार करती नजर आती हैं। उन्होंने दिखा दिया कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि जब बेटियों को पढ़ाया जाए, तो वो IAS भी बन सकती हैं।


रिया के लिए शुभकामनाओं की बाढ़, सोशल मीडिया पर छाईं

रिया की सफलता की खबर ने सोशल मीडिया पर भी तहलका मचा दिया है। #RiyaSainiIAS, #UPSC2024, और #MuzaffarnagarPride जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं। छात्र, शिक्षक, राजनेता और आम लोग उन्हें बधाइयाँ दे रहे हैं।


अंत में… प्रेरणा का नया चेहरा है रिया सैनी

गांव की गलियों से निकलकर UPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल करना कोई आम बात नहीं है। रिया सैनी ने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे देश को यह दिखा दिया कि अगर इरादे पक्के हों, तो रास्ता खुद बन जाता है।

आज रिया एक प्रेरणा हैं – हर उस लड़की के लिए जो समाज की सीमाओं को तोड़कर कुछ बड़ा करना चाहती है।

Dr. Abhishek Agarwal

Dr. Abhishek Agarwal पोर्टल के संपादकीय बोर्ड के सदस्य हैं। वे एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और शोधकर्ता हैं, जिनके लेखन में सामाजिक मुद्दों, वैश्विक रणनीतियों, संबंधों, और शिक्षा विषयों पर गहरा अध्ययन और विचार प्रकट होता है। उन्हें समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने और लोगों की जागरूकता में मदद करने में उत्साह मिलता है। यहाँ कुछ सामग्री को अधिक प्रभावी संचार प्रदान करने के लिए संग्रहित किया गया हो सकता है। किसी भी सुझाव के मामले में, कृपया [email protected] पर लिखें

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