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Usman Hadi Murder Case: बांग्लादेश में उबाल, इंकलाब मंच का 24 घंटे का अल्टीमेटम, शाहबाग में अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी

Usman Hadi murder case को लेकर बांग्लादेश की सियासत और सड़कों पर उबाल साफ दिखाई दे रहा है। भारत और पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के मुखर विरोधी माने जाने वाले बांग्लादेशी नेता Usman Hadi की हत्या के बाद अब न्याय की मांग ने आंदोलन का रूप ले लिया है।
इसी क्रम में इस्लामी संगठन Inqilab Mancha ने बांग्लादेश सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए साफ कर दिया है कि अगर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो राजधानी ढाका के शाहबाग चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।


शाहबाग से सरकार को चेतावनी, रैली के बाद अल्टीमेटम

हादी के अंतिम संस्कार के बाद शनिवार दोपहर करीब 3 बजे शाहबाग चौराहे पर आयोजित विशाल रैली में यह अल्टीमेटम सार्वजनिक किया गया।
करीब दो घंटे तक शाहबाग इलाका पूरी तरह ब्लॉक रहा, जिससे राजधानी की यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई।
Inqilab Mancha के सचिव Abdullah Al Jaber ने मंच से ऐलान किया कि यदि आज शाम तक हादी की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो रविवार शाम से अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा।


सरकार से इस्तीफे की मांग, दबाव और तेज

Usman Hadi murder case में आंदोलन यहीं नहीं रुका।
अब्दुल्ला अल जाबेर ने बांग्लादेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों पर सीधा हमला बोलते हुए—

  • Jahangir Alam Chowdhury (होम एडवाइजर)

  • Khuda Baksh Chowdhury

से 24 घंटे के भीतर इस्तीफा देने की मांग कर दी।
जाबेर ने कहा कि जब राजधानी में दिनदहाड़े एक बड़े नेता की हत्या हो सकती है, तो यह सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी को दर्शाता है।


दो टूक मांगें: गिरफ्तारी और कथित इंटेलिजेंस नेटवर्क पर कार्रवाई

इंकलाब मंच ने सरकार के सामने दो मुख्य मांगें रखीं—

  • हादी की हत्या में शामिल सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी

  • अवामी लीग से जुड़े कथित सिविल-मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंटों की गिरफ्तारी

Usman Hadi murder case को लेकर मंच का दावा है कि यह कोई साधारण हत्या नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा है।


जाबेर का बड़ा आरोप: ‘पूरे सिंडिकेट की साजिश’

अब्दुल्ला अल जाबेर ने सरकार से तीखे सवाल पूछते हुए कहा—
“आपने उस्मान हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए अब तक क्या किया?”
उन्होंने साफ कहा कि यह हत्या किसी एक व्यक्ति का काम नहीं, बल्कि इसके पीछे पूरा सिंडिकेट है।
हालांकि उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम सीधे नहीं लिया, लेकिन यह भी जोड़ा कि कोई भी दल संदेह से ऊपर नहीं है

उन्होंने चेतावनी दी कि हत्यारों को बचाने वालों और उनका सार्वजनिक समर्थन करने वालों को भी न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।


अवामी लीग को सत्ता में लाने की साजिश का दावा

Usman Hadi murder case को आगामी चुनावों से जोड़ते हुए जाबेर ने आरोप लगाया कि यह हत्या चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने और शेख हसीना की अवामी लीग को दोबारा सत्ता में लाने की साजिश का हिस्सा हो सकती है।
उन्होंने हादी को—

  • जनता की आवाज

  • बांग्लादेश की स्वतंत्रता और संप्रभुता का प्रतीक

बताते हुए समर्थकों से शांति बनाए रखने और तोड़फोड़ से बचने की अपील की।


हादी का अंतिम संस्कार, जनसैलाब उमड़ा

शनिवार को उस्मान हादी के जनाजे में लाखों लोग शामिल हुए।
उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि Kazi Nazrul Islam की कब्र के पास दफनाया गया।
इससे पहले संसद भवन के साउथ प्लाजा में दोपहर 2:30 बजे जनाजा-ए-नमाज अदा की गई।


परिवार का सवाल: दिनदहाड़े हत्या के बाद आरोपी कैसे भागे?

जनाजे के दौरान हादी के भाई अबू बक्र सिद्दीकी ने सवाल उठाया कि राजधानी ढाका में खुलेआम गोली मारने के बाद भी आरोपी कैसे फरार हो गए।
अंतिम संस्कार के बाद कुछ समय के लिए हालात और तनावपूर्ण हो गए, जब हजारों लोगों की भीड़ ने संसद में घुसने की कोशिश की, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।


मोहम्मद यूनुस का भावुक बयान

संसद में नमाज के बाद अंतरिम नेता Muhammad Yunus ने भावुक भाषण दिया।
उन्होंने कहा—
“लाखों लोग आज यहां आए हैं। लोग हादी के बारे में जानना चाहते हैं। आप हमारे दिलों में बसे हैं और जब तक बांग्लादेश रहेगा, आप हर बांग्लादेशी के दिल में रहेंगे।”


भारत-बांग्लादेश सीमा पर असर, भारतीय सेना अलर्ट

Usman Hadi murder case का असर सीमा पार भी दिखने लगा है।
हादी की मौत के विरोध में इंकलाब मंच और जमात के कट्टरपंथियों ने बेनापोल से भारत बॉर्डर तक मार्च निकाला।
चटगांव में चंद्रनाथ मंदिर के बाहर नारेबाजी हुई।
हालात को देखते हुए भारतीय सेना अलर्ट पर है और Indian Army Eastern Command के प्रमुख R C Tiwari ने भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया।


आरोपी फैसल करीम के भारत भागने का दावा

बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, Usman Hadi murder case का मुख्य आरोपी फैसल करीम भारत भाग चुका है।
आरोप है कि हत्या से एक दिन पहले उसने कहा था— “कल कुछ ऐसा होगा, जिससे बांग्लादेश हिल जाएगा।”
उसने कथित तौर पर हादी का वीडियो भी दिखाया था।


18 दिसंबर को हिंसा, मीडिया हाउस और अवामी लीग कार्यालय निशाने पर

हादी की हत्या के विरोध में 18 दिसंबर को ढाका समेत कई जिलों में हिंसा भड़क गई।
प्रदर्शनकारियों ने—

  • डेली स्टार

  • प्रोथोम आलो

के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की।
इसके अलावा अवामी लीग सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया।


12 दिसंबर को हुई थी हत्या, इलाज के दौरान मौत

उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारी थी।
पहले उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, फिर सिंगापुर रेफर किया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
हमले से कुछ घंटे पहले उन्होंने कथित तौर पर ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा साझा किया था।


ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार, इंकलाब मंच की अहम भूमिका

हादी इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और ढाका से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे।
यह संगठन अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन के बाद उभरा और अवामी लीग सरकार को गिराने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इंकलाब मंच अवामी लीग को आतंकवादी संगठन घोषित करने और युवाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर सक्रिय रहा है।


Usman Hadi murder case अब केवल एक राजनीतिक हत्या का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह बांग्लादेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, चुनावी भविष्य और आंतरिक सुरक्षा की सबसे बड़ी परीक्षा बन चुका है। शाहबाग से उठी न्याय की यह आवाज आने वाले दिनों में देश की राजनीति और सड़क दोनों पर निर्णायक असर डाल सकती है।

 

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