उत्तर प्रदेश

प्रधानी के अंतिम दिन भुगतान को लेकर परेशान रहे ग्राम प्रधान,ठेकेदारी वाले गांवों में रह गई दिक्कतें

रामनगर। प्रधानी के अंतिम दिन भुगतान को लेकर प्रधान परेशान रहे।जिन सचिवों के पास भुगतान के सम्बंध में जानकारी थी वे तो अपने कंप्यूटर से डोंगल लगाकर भुगतान किए।

जो ब्लॉक के एडीओ पंचायत कार्यालय से करते थे वे रह गए क्यो कि भुगतान के लिए डोंगल लगाने वाला कर्मचारी कार्यालय आया ही नही। जिन सचिवों ने भुगतान कर दिया उनका तो एडीओ पंचायत स्तर से अप्रूबल हो जाएगा बाकी लोग रह जाएंगे।उन्हें भुगतान के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ेंगे और कमीशन ज्यादा देना पड़ेगा।

अंतिम समय ब्लॉक में सामुदायिक शैचालय,हैंडपम्प मरम्मत,पाइप सप्लाई सहित अन्य मदो के भुगतान के लिए प्रधान ब्लॉक में डटे रहे।एडीओ पंचायत कार्यालय में ह्रदयेश कई गांवों का डोंगल लगाते है वे नही आए थे

जिनसे एडीओ पंचायत कार्यालय से डोंगल नही लग सके।बाहर कई सचिव खुद भुगतान प्रक्रिया करते हैं वँहा डोंगल लगा ।ब्लॉक के एडीओ पंचायत कार्यालय से डोंगल लगाने वाले व्यक्ति के अंतिम दिन न आने से प्रधान कह रहे थे कि जान बूझ कर ऐसा किया गया है।यह ठीक नही है।अब उनको ज्यादा कमीशन देना पड़ेगा तब भुगतान मिलेगा।

उधर एडीओ पंचायत अखिलेश दुबे ने बताया कि सर्वर न चलने से डोंगल नही लगा।अभी सवा करोड़ के करीब चौदहवें व पन्द्रहवे वित्त में पैसा पड़ा है।

सामुदायिक शौचालय का एक करोड़ नब्बे लाख तथा पंचायत घर का 63 लाख रुपया प्रधानों को देना शेष है।इसके अलावा मानदेय भी बकाया है। मनरेगा के भी बाकी है।

विधायक तक पँहुचीं बात: ब्लॉक में एडीओ पंचायत द्वारा भुगतान न करने की बात विधायक तक पँहुचीं तो उन्होंने फोन कर कहा कि जिन्होंने कार्य करवाया है उनका भुगतान करवा दे

किन्तु उसका भी असर नही दिखा। पूरी तरह मनमानी की गई।अब शेष भुगतान तो होगा मगर एडीओ पंचायत व डीपीआरओ की शर्तों पर होगा।अब बकाया पाने के लिए भेंट चढ़ावे की रकम बढ़ जाएगी।

ब्लॉक आकर खुद कमान संभालने वाले प्रधानों के गांव चमके,ठेकेदारी वाले गांवों में रह गई दिक्कतें

रामनगर ।प्रधानी के पांच साल बीतने के बाद गांव के लोग खट्टे मीठे अनुभव महसूस कर रहे हैं ।कई ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने तो अपनी प्रधानी ठेके पर चलाई जिससे प्रधान ब्लॉक तक आए ही नहीं। ठेकेदार वहां का सारा काम करते रहे ।उन गांवों में जनता असंतुष्ट भी है जिन्होंने ब्लॉक पर स्वयं न आकर दूसरे को कमान दे दी। जो प्रधान निरन्तर लगे रहे उनके गांव चमक रहे हैं।

रामनगर ब्लॉक में 76 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें करीब एक दर्जन से अधिक ग्राम प्रधान शुरुआती दिनों में आने के बाद से ब्लॉक आए ही नहीं। उन्होंने अपने यहां ठेकेदारी प्रथा पर काम शुरू कराया और गांव के एक व्यक्ति को नियुक्त कर दिया।

वही ब्लॉक आता जाता रहा और प्रधान को शर्त अनुसार कुछ रकम मिलती रही।उन्हें जनता से कोई वास्ता नही रहा। इसके विपरीत जँहा जंहा ग्राम प्रधान ब्लॉक आकर खुद मेहनत करते रहे उन्होंने 5 साल लगातार मेहनत कर गांव को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

अगर बात करें तो रामनगर ब्लॉक के विछलखा, सीहामऊ, कटियारा, दतौली ,कांप, भरसँवा, गोपालपुर, अनूप गंज, ,बडन पुर गनेशपुर ,दल सराय, अशोकपुर चाचूसराय,बुधेड़ा,उटखरा,चंदनापुर ,भैसुरिया,लोहटी जई , सिलौटा,सिसौडॉ,सिरौली कला, आदि गांवों के प्रधान प्रति दिन ब्लॉक में रहे और विकास के मामले में आगे रहे। द

दौरा,किन्हौली गांव में सचिव तेज रहे और प्रधान का सहयोग मिला तो इनमें भी विकास तेज हुआ। ददौरा गांव तो प्रधान की मेहनत से करीब करीब हर सुविधाओ से युक्त हुआ।

त्रिलोकपुर ,सआदतगंज,गरी के प्रधान ब्लॉक कम आए वँहा भी एक व्यक्ति लगा रहा और विकास कार्य करवा लें गया। गोबरहा, तपेसिपाह, ,सैदनपुर, मसूदामऊ, राम पुर महासिंह, भिटौरा, घौखरिया, के ग्राम प्रधानों ने कार्य मे रुचि नही ली।घौखरिया को छोड़कर अन्य गांव भी प्रधान के बजाय दूसरे के सहारे रहे और जो कुछ कार्य हुआ

उन्ही दूसरो की देन रही। जिन जिन ग्राम पंचायतों में प्रधानों ने खुद कमान संभाली वँहा जनहित के कार्य खूब हुए और वे चमक रहे हैं । जिन गांवों में प्रधानों ने ठेके पर प्रधानी दे दी

वहां की जनता अंदर ही अंदर आज भी उनसे नाराज है और चुनावी समय के इंतजार में है। जिन्होंने गांव की प्रधानी पर ध्यान नही दिया वँहा तमाम सुविधाए आम जनता को नसीब नही हुई।प्रधान जरूर कमा लिए।

News Desk

निष्पक्ष NEWS,जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 6029 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × four =