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Galwan Valley में झड़प के दौरान 38 Chinese सैनिक अंधेरे में तेज बहने वाली एक नदी को पार करते वक्त डूब गए, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने खोली चीन की पोल

Galwan Valley में भारत से संघर्ष के दौरान चीन ने अपने सैनिकों के नुकसान को कम करके बताया था. एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार का दावा है कि गलवान में झड़प के दौरान आधिकारिक संख्या से कई गुना अधिक चीनी जवान मारे गए थे. नए रिसर्च में पता चला है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने गलवान घाटी में जंग के दौरान कम से कम नौ गुना अधिक सैनिकों को खो दिया था

लेकिन आधिकारिक तौर पर इस नुकसान को काफी कम करके बताया गया था. ऑस्ट्रेलियाई अखबार ‘द क्लैक्सन’ (The Klaxon) के एक लेख के मुताबिक चीन के कम से कम 38 सैनिक अंधेरे में तेज बहने वाली एक नदी को पार करते वक्त डूब गए थे. 

Galwan Valley Clash में भारत से संघर्ष के दौरान चीन के कई गुना सैनिकों के मारे जाने के खुलासे के बाद चीन के झूठ की पोल खुल गई है. एक साल की लंबी जांच के बाद सोशल मीडिया शोधकर्ताओं के एक समूह की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. खोजी अखबार का कहना है कि चीन ने जिन चार सैनिकों की मौत की पुष्टि की उनमें से केवल एक जूनियर सार्जेंट वांग जुओरान के डूबने की सूचना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उस रात वांग के साथ कम से कम 38 पीएलए सैनिक डूबकर मरे थे. चीनी सैनिकों के अधिक संख्या में हताहत होने को लेकर रिपोर्ट में मुख्य भूमि चीनी ब्लॉगर्स के साथ चर्चा, कुछ चीनी नागरिकों से प्राप्त जानकारी और मीडिया रिपोर्टों से जुड़ी एक साल की लंबी जांच का हवाला दिया गया है. 

भारत ने कहा था कि जून 2020 में गलवान घाटी संघर्ष में उसके 20 सैनिकों की मौत हो गई थी. 15 जून और 16 जून, 2020 की रात में आमने-सामने की लड़ाई में सैनिक हताहत हुए थे. गलवान घाटी संघर्ष भारत और चीन के बीच चार दशकों में सबसे घातक टकराव था. जानकारी के मुताबिक चीन की सरकारी मीडिया इस झड़प या उसके बाद की घटनाओं को कवर करने में लगभग पूरी तरह विफल रहा.

चीनी सेना की कार्रवाई को लेकर गतिरोध के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर झड़प हुई. चीन ने अपने कुल सैनिकों के हताहतों की संख्या का खुलासा करने से बचने की कोशिश की थी. लेकिन पिछले साल फरवरी में उसने अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत पदक देने की घोषणा की जो गलवान घाटी में विवाद के दौरान मारे गए थे. 

ऑस्ट्रेलियाई अखबार ‘ द क्लैक्सन ‘ का कहना है कि अधिक ऊंचाई वाले गलवान घाटी में संघर्ष के दौरान अधिक चीनी सैनिकों के हताहत होने का दावा नया नहीं है. द क्लैक्सन के अनुसार सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के समूह द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों से यह भी पता चलता है कि लड़ाई के बारे में चर्चा को शांत करने के लिए चीन ने काफी कोशिश की थी.

अप्रैल 2020 के आसपास चीनी सेना ने गलवान घाटी में गतिविधियों को और तेज करना शुरू कर दिया था. टेंट, डगआउट और मशीनरी जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया था. मई 2020 की शुरुआत से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच न केवल गलवान घाटी में, बल्कि चीन-भारत सीमा के साथ-साथ लद्दाख और तिब्बत में पैंगोंग झील के पास कई प्वाइंट पर भी झड़पें हुईं थी.

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