उत्तर प्रदेश

सनसनीखेज खुलासा: Balrampur के ‘Chhangur Baba’ ने रचा धर्मांतरण का जाल — महिलाओं से दुष्कर्म और विदेशी फंडिंग का पर्दाफाश 🔥

उत्तर प्रदेश के Balrampur जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। एटीएस की विशेष अदालत में दर्ज चार्जशीट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। धर्मांतरण के नाम पर चल रहे इस पूरे नेटवर्क का सरगना बताया गया है छांगुर उर्फ जमालुद्दीन, जिसे स्थानीय लोग “‘Chhangur Baba’” के नाम से जानते हैं। इस गिरोह पर आरोप है कि यह गरीब और मजबूर लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रलोभन, भय और झूठे वादे देकर धर्मांतरण कराता था।


छांगुर बाबा का मिशन – भारत की डेमोग्राफी बदलने की साजिश

चार्जशीट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह गिरोह भारत की आबादी के संतुलन को बदलने और देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रहा था। एटीएस की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा और उसके साथियों ने धर्मांतरण के ज़रिए शरीयत आधारित कानून लागू करने की साजिश रची थी। गिरोह के पास से जब्त की गईं धार्मिक प्रचार सामग्रियां, “शिजरए तैयबा” जैसी पुस्तकें, पम्पलेट्स और स्लोगन हिंदू धर्म को अपमानित करते हुए पाए गए।


हिंदू देवी-देवताओं का अपमान और झूठे वादे की रणनीति

जांच के अनुसार, छांगुर और उसके साथी हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते थे। वे लोगों को यह समझाते कि इस्लाम अपनाने से उनकी गरीबी और परेशानियाँ खत्म हो जाएंगी। कई पीड़ितों के बयान में यह भी सामने आया कि गिरोह के सदस्य “नीतू और नवीन रोहरा” जैसे धर्मांतरितों के उदाहरण देते थे, यह दावा करते हुए कि वे धर्म बदलने के बाद करोड़पति बन गए


प्रलोभन, भय और मजबूरी – तीन हथियार से चलता था धर्मांतरण का खेल

चार्जशीट के मुताबिक, यह गिरोह तीन स्तर पर काम करता था —

  1. प्रलोभन देना (पैसा, नौकरी, मकान का वादा)

  2. डराना (जहन्नुम का भय दिखाना)

  3. मजबूरी का फायदा उठाना (गरीबी, बीमारी, बेरोजगारी का लाभ)

इन तीनों हथियारों के जरिए छांगुर बाबा ने दर्जनों परिवारों को अपने जाल में फंसाया।


महिलाओं के शोषण की चौंकाने वाली सच्चाई

एटीएस की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ — इस गिरोह के सदस्य सिर्फ धर्मांतरण ही नहीं कराते थे, बल्कि मजबूर महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ भी करते थे। दूसरी चार्जशीट में दर्ज 33 गवाहों के बयान इस बात का प्रमाण हैं।

एक औरैया निवासी पीड़िता ने बताया कि छांगुर बाबा ने उसके साथ छेड़छाड़ की, जबकि उसके सहयोगियों ने उससे दुष्कर्म किया। यही नहीं, तीन और महिलाएं भी सामने आई हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें धर्म के नाम पर यौन शोषण का शिकार बनाया गया


विदेशी फंडिंग का भी पर्दाफाश – दुबई से आई करोड़ों की रकम

चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ कि इस गिरोह के बैंक खातों में विदेशी फंडिंग के पुख्ता सबूत मिले हैं। बताया गया कि आरोपी नवीन रोहरा के खाते में दुबई से 23.61 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए। इस रकम का बड़ा हिस्सा राजेश उपाध्याय (कोर्ट कर्मचारी) समेत अन्य आरोपियों के खातों में ट्रांसफर किया गया। यह रकम धर्मांतरण के लिए धार्मिक प्रचार, सामाजिक मदद और रिश्वतखोरी में इस्तेमाल की गई।


एटीएस ने खोला गिरोह का पूरा नेटवर्क

चार्जशीट में एटीएस ने कई महत्वपूर्ण गवाहों को शामिल किया है, जिनमें संचित कुमार, राम नरेश मौर्य, नरेंद्र कुमार, जग प्रसाद, मनोज कुमार, छांगे उर्फ सागर, रमेश चंद्र और नंदराम जैसे लोग शामिल हैं। इनमें से अधिकतर या तो धर्मांतरण के शिकार हुए या उनके साथ जबरन धर्म बदलवाने की कोशिश की गई।

एटीएस की विवेचना में सामने आया कि गिरोह का नेटवर्क बलरामपुर से लेकर औरैया, बहराइच, गोंडा और लखनऊ तक फैला था। यह गिरोह मौलवियों और स्थानीय नेताओं की मदद से सक्रिय था, जो गांव-गांव जाकर लोगों को फंसाने का काम करते थे।


गिरोह का उद्देश्य – भारत की धार्मिक पहचान पर हमला

जांचकर्ताओं का कहना है कि छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य था देश की धार्मिक एकता को तोड़ना। उन्होंने लोगों में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की। गिरोह ने कई स्थानों पर हिंदू रीति-रिवाजों की आलोचना की और इस्लाम को “सर्वश्रेष्ठ” बताते हुए फर्जी प्रचार अभियान चलाया।


पुलिस की सतर्कता से टूटी साजिश की जड़ें

यूपी एटीएस की मेहनत से अब इस पूरे गिरोह की परतें खुल चुकी हैं। छांगुर बाबा और उसके साथी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एटीएस ने पहले ही इस नेटवर्क से जुड़े दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, और अब बाकी Balrampur आरोपियों की जांच जारी है।

सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में इस नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय लिंक और भी सामने आ सकते हैं।


धर्मांतरण की नई चुनौती – समाज और प्रशासन दोनों के लिए सबक

यह मामला सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि किस तरह धार्मिक भावनाओं और गरीबी का इस्तेमाल समाज में फूट डालने के लिए किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि धर्मांतरण कानून को और कड़ा बनाना अब बेहद जरूरी है, ताकि ऐसे गिरोहों की हिम्मत टूटे।


लोगों की मांग – सख्त कार्रवाई और आजीवन सजा की दरकार

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि छांगुर बाबा और उसके पूरे गिरोह पर देशद्रोह, बलात्कार और विदेशी षड्यंत्र के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदेश भर में इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर बहस छेड़ दी है।


उत्तर प्रदेश Balrampur का यह मामला देश के लिए एक चेतावनी है। **छांगुर बाबा गिरोह** जैसे नेटवर्क समाज में **फूट, भय और धोखे का ज़हर** घोल रहे हैं। अब सवाल है — क्या ऐसे लोगों पर सिर्फ केस चलाना काफी है, या उन्हें **आजीवन कारावास** जैसी कठोर सजा देनी चाहिए ताकि फिर कोई “धर्म के नाम पर” इंसानियत से खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे।

 

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