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मुख्यमंत्री कल्याण मण्डप का उद्घाटन: Muzaffarnagar में हंगामे के बीच हुई जनता के लिए एक नई सौगात

उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले में मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत तैयार किए गए कल्याण मण्डप का बुधवार को उद्घाटन किया गया, लेकिन इस आयोजन में जो हंगामा हुआ, उसने इस आयोजन की सुर्खियों को कहीं अधिक बढ़ा दिया। रूड़की रोड स्थित नगर पालिका परिषद की भूमि पर बनाए गए इस कल्याण मण्डप का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह समारोह के लिए एक समर्पित और सस्ता स्थल उपलब्ध कराना है। लेकिन, जब मंत्री कपिल देव अग्रवाल और पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने इसका उद्घाटन किया, तो नगर पालिका के सभासदों ने इसका बहिष्कार कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया।

नगर पालिका के सभासदों का गुस्सा

यह उद्घाटन समारोह शुरू होते ही सभासदों ने इस आयोजन में एक गहरा पक्षपाती दृष्टिकोण देखे जाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि इस विशाल योजना के उद्घाटन के अवसर पर उनके नाम का उद्घाटन शिलापट नहीं लगाया गया था, जो कि एक अपमानजनक कदम था। इसके चलते सभासदों ने हंगामा शुरू कर दिया और मंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की। उनका यह कहना था कि पालिका बोर्ड के सभी सदस्यों का सम्मान किया जाना चाहिए था, लेकिन यह उनकी अनदेखी की गई।

राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, मोहित मलिक और अन्य सभासदों ने मंत्री के सामने ईओ (अधिशासी अधिकारी) डॉ. प्रज्ञा सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पालिका बोर्ड सदस्यों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। कोई भी योजना जब पूरी होती है, तब बोर्ड सदस्यों का नाम शिलापट पर नहीं लगाया जाता, जो कि पूरी तरह से गलत है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सभासदों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उनका विरोध बढ़ता गया और वे उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन करते रहे।

मंत्री ने दिया आश्वासन, विवाद सुलझा

संगठित विरोध को देखते हुए मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभासदों को आश्वासन दिया कि कल्याण मण्डप में सभी 55 पालिका बोर्ड सदस्यों के नाम का उद्घाटन शिलापट भी लगाया जाएगा। इस आश्वासन के बाद ही नाराज सभासद कार्यक्रम स्थल पर लौटे और स्थिति सामान्य हुई। मंत्री ने पालिका चेयरपर्सन, ईओ और नाराज सभासदों के साथ एक बैठक की, जिसमें इस विवाद को सुलझाने के लिए वार्ता की गई।

मुख्यमंत्री कल्याण मण्डप की अहमियत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कल्याण मण्डप योजना का उद्देश्य है गरीब परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर मदद करना। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक जिले में एक कल्याण मण्डप का निर्माण कराया जा रहा है, जो गरीब परिवारों को सामाजिक और पारिवारिक आयोजनों के लिए एक सस्ती और सुगम जगह प्रदान करेगा।

मुजफ्फरनगर में यह कल्याण मण्डप नगरपालिका की रुड़की रोड स्थित भूमि पर बनाया गया है, और इसका निर्माण उत्तर प्रदेश जल निगम की सहारनपुर यूनिट द्वारा किया गया है। इस मण्डप का उद्घाटन मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने किया, जिन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह मण्डप गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण तोहफा है, जो उन्हें अपने बच्चों के विवाह जैसे आयोजनों के लिए एक समर्पित और सस्ता स्थान प्रदान करेगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि इस मण्डप का नामकरण जल्द ही देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर किया जाएगा, जो समाज के लिए समर्पित एक आदर्श महिला थीं। यह कदम समाज के एक बड़े वर्ग, खासकर धनगर समाज की ओर से उठाया गया था, जिसे मंत्री कपिल देव ने स्वीकार किया और इस वर्ग को सम्मान देने की कोशिश की।

मण्डप के भीतर की सुविधाएँ

इस कल्याण मण्डप का डिजाइन बिल्कुल नया और आकर्षक है, जो हर किसी का ध्यान आकर्षित करता है। यह दो मंजिला भवन है और इसमें एक बड़ा मल्टीपर्पस हॉल और स्टेज की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी प्रकार के पारिवारिक समारोहों के लिए यह स्थान आदर्श बन सके। मण्डप में ठहरने के लिए पांच एसी रूम भी बनाए गए हैं, जिससे मेहमानों को ठंडक और आरामदायक अनुभव मिल सके। महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग टॉयलेट ब्लॉक बनाए गए हैं, साथ ही पानी की व्यवस्था और वॉटर कूलर भी लगाए गए हैं, ताकि किसी भी मौसम में मेहमानों को कोई परेशानी न हो।

समाज के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो न केवल सामाजिक कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरीब कल्याण की दिशा में एक और पहल को दर्शाता है। इस मण्डप की लागत 358 लाख रुपये है, और इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था।

भविष्य में पालिका का रोल

अधिकारियों का कहना है कि अब पालिका प्रशासन द्वारा इस कल्याण मण्डप को हैंडओवर लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नगरपालिका के अधिकारी इस मण्डप का संचालन शुरू करेंगे, ताकि गरीब परिवारों को इसका लाभ मिल सके। नगरपालिका के ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने यह स्पष्ट किया कि इस योजना में पालिका का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं था, क्योंकि यह कार्य उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा किया गया था, लेकिन अब पालिका इसे अपने नियंत्रण में लेकर संचालन करेगी।

समाज और राजनीति में गूंज

यह घटना राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें स्थानीय स्तर पर पालिका बोर्ड और मंत्री के बीच का टकराव साफ नजर आता है। इस मामले ने इस इलाके की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है। सभासदों का गुस्सा और मंत्री का आश्वासन यह दर्शाते हैं कि राजनीति का खेल अब स्थानीय योजनाओं तक फैल चुका है।

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