उत्तर प्रदेश

पति-पत्नी के बीच कलह ने ली जान: Auraiya में पुलिसकर्मी दंपती की आत्महत्या का दुखद मामला

Auraiya जिले में एक हृदयविदारक घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया, जहां पत्नी की आत्महत्या के बाद पति ने भी फंदे पर लटककर अपनी जान दे दी। यह मामला पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद और तनाव का परिणाम बताया जा रहा है, जिसने एक परिवार को उजाड़ दिया। परिवार में अब शोक और आंसुओं का माहौल है।

यह घटना सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े गहरे सवाल खड़े करती है, जिनका समाधान किया जाना जरूरी है। घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिवार के दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोपों से मामला और पेचीदा हो गया है।

संतोषी की आत्महत्या: ससुराल वालों पर आरोप

यह घटना औरैया के बनारसीदास मोहल्ले की है, जहां शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे संतोषी (26) का शव फंदे से लटका हुआ पाया गया। जब परिवार के सदस्यों ने संतोषी को पंखे से लटका देखा, तो उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद संतोषी के मायके वालों ने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए।

संतोषी के चाचा मनोज कुमार ने बताया कि उसकी शादी नवंबर 2023 में उपेंद्र कुमार के साथ हुई थी, जो रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में सिपाही के पद पर तैनात था। शादी के कुछ महीने बाद ही संतोषी और उपेंद्र के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगी थी। मनोज कुमार का कहना है कि उपेंद्र और उनके ससुराल वालों द्वारा संतोषी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था, जिसकी वजह से उसने यह कठोर कदम उठाया।

पति उपेंद्र की आत्महत्या: तीन घंटे बाद दूसरा शव मिला

इस दुखद घटना के कुछ ही घंटे बाद, रायबरेली से और भी दुखद खबर आई। दोपहर ढाई बजे के करीब संतोषी के पति उपेंद्र कुमार का शव भी फंदे से लटका हुआ मिला। रायबरेली में पुलिस सिपाही के रूप में तैनात उपेंद्र ने भी अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने दोनों परिवारों को हिलाकर रख दिया और मामले को और भी जटिल बना दिया।

उपेंद्र के बड़े भाई सत्येंद्र ने बताया कि दोनों के बीच विवाद मामूली था, लेकिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि यह विवाद उनकी जान लेने की वजह बन जाएगा। सत्येंद्र, जो अछल्दा में शिक्षक के पद पर तैनात हैं, ने कहा कि दोनों के बीच झगड़े को शांत कराने के कई प्रयास किए गए थे, लेकिन आखिरकार यह दुखद परिणाम सामने आया।

दंपती के बीच चल रही कलह: क्या था कारण?

मामले की जांच में यह सामने आया है कि पति-पत्नी के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था। संतोषी के मायके पक्ष ने आरोप लगाया कि उपेंद्र और उनके परिवार के लोग संतोषी को अक्सर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देते थे। कई बार दोनों परिवारों के बीच समझौता भी हुआ, लेकिन कलह खत्म नहीं हुआ।

एक प्रमुख वजह यह भी बताई जा रही है कि करवाचौथ के दिन संतोषी रायबरेली अपने पति के साथ जाना चाहती थी, लेकिन उपेंद्र को छुट्टी नहीं मिली। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और कुछ ही घंटे के भीतर यह विवाद उनकी मौत का कारण बन गया।

सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे

यह मामला सिर्फ एक दंपती के झगड़े से ज्यादा बड़ा है। यह घटना समाज में बढ़ते मानसिक तनाव, परिवारिक कलह, और रिश्तों में संवाद की कमी की ओर इशारा करती है। छोटे-छोटे विवाद, जो पहले सहज रूप से हल हो जाते थे, अब गंभीर परिणामों तक पहुंच जाते हैं। ऐसे मामलों में, यह समझना जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है। परिवारों में आपसी समझ और संवाद को बढ़ावा देकर इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सकता है।

पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हजरतगंज थाने के इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी और पुलिस हर पहलू की जांच करेगी। फिलहाल, दोनों परिवारों के आरोपों के आधार पर जांच की जा रही है। मायके पक्ष ने ससुरालियों पर हत्या का आरोप लगाया है, जबकि ससुराल पक्ष का कहना है कि दोनों के बीच आपसी विवाद था, जिसे सुलझाने की कोशिश की गई थी।

समाज में रिश्तों का बदलता स्वरूप

यह घटना यह दिखाती है कि आज के समाज में रिश्तों में संवाद की कमी और तनाव का स्तर बढ़ता जा रहा है। पति-पत्नी के बीच संवाद की कमी और एक-दूसरे की भावनाओं को समझने में असमर्थता ने इस प्रकार के दुखद परिणाम सामने लाए हैं। जहां एक ओर परिवार में कलह चल रही थी, वहीं दूसरी ओर किसी ने यह नहीं सोचा था कि मामूली विवाद इतनी बड़ी त्रासदी में बदल जाएगा।

मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता जरूरी

यह मामला इस ओर भी इशारा करता है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता बहुत जरूरी है। आज के समय में मानसिक तनाव और अवसाद जैसे मुद्दों पर बात करना महत्वपूर्ण हो गया है। कई बार लोग अपनी समस्याओं को लेकर खुलकर बात नहीं करते और इसका परिणाम आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने में होता है।

सरकार और समाज को चाहिए कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दें। पारिवारिक विवादों को समय रहते सुलझाने के लिए काउंसलिंग और मध्यस्थता जैसी सेवाओं का लाभ उठाना चाहिए।

संवाद और समझ का अभाव बना मौत की वजह

यह घटना हमें यह सिखाती है कि रिश्तों में संवाद और समझ की कितनी अहमियत होती है। यदि सही समय पर दोनों के बीच संवाद होता और परिवार की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाता, तो शायद यह त्रासदी टल सकती थी। समाज में बढ़ती आत्महत्याओं की दर एक गंभीर चिंता का विषय है और इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

News-Desk

News Desk एक समर्पित टीम है, जिसका उद्देश्य उन खबरों को सामने लाना है जो मुख्यधारा के मीडिया में अक्सर नजरअंदाज हो जाती हैं। हम निष्पक्षता, सटीकता, और पारदर्शिता के साथ समाचारों को प्रस्तुत करते हैं, ताकि पाठकों को हर महत्वपूर्ण विषय पर सटीक जानकारी मिल सके। आपके विश्वास के साथ, हम खबरों को बिना किसी पूर्वाग्रह के आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सवाल या जानकारी के लिए, हमें संपर्क करें: [email protected]

News-Desk has 17628 posts and counting. See all posts by News-Desk

Avatar Of News-Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

12 − four =

Language