गिलोय (Giloy) पर वैज्ञानिक शोधों में जबरदस्त उछाल – आयुर्वेद की यह जड़ी-बूटी बनी हेल्थ इंडस्ट्री की सेंसेशन!
आयुर्वेद में Giloy/गिलोय को अमृत के समान माना जाता है। भारतीय चिकित्सा पद्धति में वर्षों से इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। लेकिन अब यह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गिलोय के चमत्कारी गुणों को लेकर शोध में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है।
पबमेड (PubMed), जो कि बायोमेडिकल और लाइफ साइंस रिसर्च के लिए एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस है, उसके अनुसार, पिछले एक दशक में गिलोय पर होने वाले शोधों में 376% की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में जहां केवल 243 अध्ययन प्रकाशित हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 913 तक पहुंच गई। इससे साफ जाहिर होता है कि दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता गिलोय की रोग निवारक क्षमताओं की गहराई से जांच कर रहे हैं।
गिलोय पर रिसर्च को लेकर आयुष मंत्रालय की सक्रियता
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय लगातार आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा,
“हम आयुर्वेद को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के लिए विश्वस्तरीय संस्थानों के साथ मिलकर रिसर्च को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारा उद्देश्य वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ यह साबित करना है कि भारतीय पारंपरिक चिकित्सा आधुनिक विज्ञान के साथ तालमेल बिठाकर लोगों को सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं दे सकती है।”
आयुष मंत्रालय के इस सक्रिय प्रयास से दुनिया के बड़े चिकित्सा संस्थान और शोधकर्ता आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, विशेष रूप से गिलोय पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के बाद गिलोय की लोकप्रियता में भारी वृद्धि
हालांकि गिलोय का उपयोग प्राचीन काल से ही होता आ रहा है, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान इसके प्रति लोगों और वैज्ञानिकों की रुचि अचानक बहुत बढ़ गई।
गिलोय के प्रमुख लाभ जो शोध में सामने आए:
✅ इम्यूनिटी बूस्टर – गिलोय प्राकृतिक रूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
✅ एंटी-वायरल गुण – कई अध्ययन बताते हैं कि यह वायरस से लड़ने में मदद करता है।
✅ डायबिटीज में सहायक – यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है।
✅ लीवर डिटॉक्सिफायर – शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
✅ कैंसर में कारगर – नए शोध बताते हैं कि गिलोय कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
गिलोय पर किए गए प्रमुख शोध और उनकी चौंकाने वाली खोजें
✅ ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गालिब ने कहा कि “दुनियाभर में वैज्ञानिक गिलोय के चिकित्सकीय लाभों पर चर्चा कर रहे हैं। अब यह प्रमाणित हो चुका है कि गिलोय में रोग निवारक क्षमता है और आने वाले समय में यह कई नए शोधों का विषय बनेगा।”
✅ फरवरी 2025 में गुजरात यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइंस द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि गिलोय सर्वाइकल कैंसर के इलाज में सहायक हो सकता है।
✅ जनवरी 2025 में टाटा मेमोरियल सेंटर के शोधकर्ताओं ने भी गिलोय और कैंसर के इलाज से संबंधित एक महत्वपूर्ण अध्ययन प्रकाशित किया, जिसमें इसके पॉजिटिव प्रभाव देखे गए।
✅ अन्य अध्ययनों में पाया गया कि गिलोय एलर्जी, अस्थमा, गठिया, पाचन संबंधी विकार और त्वचा रोगों के लिए भी लाभकारी है।
गिलोय की मांग में उछाल – हेल्थ इंडस्ट्री की नई पसंद!
शोध के बढ़ते आंकड़ों के साथ-साथ गिलोय से बने उत्पादों की बिक्री में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है।
👉 आयुर्वेदिक कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए सुनहरा अवसर:
आज कई बड़ी आयुर्वेदिक कंपनियां गिलोय से बने प्रोडक्ट्स जैसे कि गिलोय जूस, टैबलेट, पाउडर और सिरप को बाजार में उतार रही हैं।
👉 ऑर्गेनिक खेती को मिल रहा बढ़ावा:
किसानों के लिए भी गिलोय की खेती एक फायदे का सौदा बनती जा रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी इसमें सहयोग कर रही है।
👉 गिलोय की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बढ़ती मांग:
अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में गिलोय बेस्ड हर्बल प्रोडक्ट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
कैसे करें गिलोय का सही उपयोग?
✅ गिलोय जूस – सुबह खाली पेट लेने से इम्यूनिटी मजबूत होती है।
✅ गिलोय का काढ़ा – सर्दी, जुकाम और वायरल इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है।
✅ गिलोय की गोलियां – यह डायबिटीज और गठिया के मरीजों के लिए लाभकारी होती हैं।
✅ गिलोय का पाउडर – त्वचा और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद है।
💡 ध्यान दें: किसी भी हर्बल उत्पाद का सेवन करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष – क्या गिलोय बनेगा भविष्य की सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि?
आज जब पूरी दुनिया प्राकृतिक चिकित्सा और हर्बल मेडिसिन की ओर बढ़ रही है, तो गिलोय का उभरना कोई आश्चर्य की बात नहीं।
🔹 वैज्ञानिक शोधों के बढ़ते आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि यह केवल एक पारंपरिक जड़ी-बूटी नहीं, बल्कि एक सुपरहर्ब है।
🔹 भारतीय आयुर्वेद प्रणाली के लिए यह एक बड़ी जीत है, क्योंकि अब आधुनिक विज्ञान भी इसके गुणों को स्वीकार कर रहा है।
🔹 भविष्य में, यह संभव है कि गिलोय से कैंसर, वायरल बीमारियों और अन्य गंभीर रोगों के लिए प्रभावी दवाएं विकसित की जाएं।
अगर आयुर्वेद और विज्ञान मिलकर गिलोय के प्रभावों को और बेहतर तरीके से समझ पाते हैं, तो यह मानवता के लिए एक क्रांतिकारी खोज साबित हो सकता है।