दो अलग-अलग मामलों में हाफिज सईद को 5.5 साल की सजा
अदालत द्वार वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को दो मामलों में 5.5 साल की सजा सुनाए जाने पर भारत ने संतोष जताया है। भारत का कहना है कि पठानकोट और मुंबई हमलों के मामलों में भी पाकिस्तान को कार्रवाई करनी चाहिए। भारत के सरकारी सूत्रों का कहना है कि हमने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान ने वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को आतंक के वित्त पोषण मामले में सजा सुनाई है। यह पाकिस्तान के लंबे समय से लंबित अंतरराष्ट्रीय दायित्व का हिस्सा है ताकि आतंकवाद के समर्थन पर रोक लगाई जा सके।
Govt Sources:It has to also be seen whether Pakistan would take action against other all terrorist entities&individuals operating from territories under its control& bring perpetrators of cross border terrorist attacks, including in Mumbai and Pathankot to justice expeditiously
— ANI (@ANI) February 13, 2020
विशेषज्ञों ने पाकिस्तान द्वारा आतंकी हाफिज सईद को सजा सुनाए जाने के समय पर संदेह जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की बैठक होने वाली है। बता दें कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला हुआ है। वैश्विक संस्था ने उसे 27 प्वाइंट का एक्शन प्लान दिया था। जिसपर कार्रवाई न होने पर उसके ब्लैकलिस्ट होने की संभावना थी।
यह फैसला एफएटीएफ की बैठक से पहले लिया गया है। जिसपर ध्यान देना चाहिए। इसलिए, इस निर्णय की प्रभावकारिता देखने वाली है। यह भी देखना चाहिए कि क्या पाकिस्तान अपने नियंत्रण में आने वाले सभी आतंकवादी संगठनों और क्षेत्रों से काम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा और मुंबई और पठानकोट सहित सीमा पार आतंकवादी हमलों के षड्यंत्रकारियों को त्वरित न्याय देगा या नहीं।