उच्च अदालत ने निरस्त किया वाहन मुक्त करने का आदेश
मुजफ्फरनगर। टक्कर लगने से साइकिल सवार की मौत का कारण बनी स्विफ्ट डिजायर को थाने से मुक्त करने के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट के निर्णय को अपर सत्र न्यायाधीश ने निरस्त करते हुए दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है।
बिरालसी निवासी हरपाल तथा उसका बेटा शिव कुमार तीन जुलाई, 2020 को अपनी-अपनी साइकिलों से खेत पर जा रहे थे। चरथावल की ओर से तेज गति व गलत साइड से आ रही स्विफ्ट डिजायर कार ने एस्सार पेट्रोल पंप के सामने हरपाल को टक्कर मार दी थी।
गंभीर रूप से घायल होने से उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने कार चला रहे पंजाब के पानीपत जिले के भैंसवाल बरसत रोड निवासी अंकित पुत्र अजब सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार जब्त कर ली थी। अंकित ने स्विफ्ट कार मुक्त कराने के लिए ज्यूडिशियल मजिट्रेट कोर्ट-दो में अर्जी लगाई थी।
अंकित के पुत्र की ओर से भी कोर्ट में गुहार लगाई गई थी कि दुर्घटना वाले दिन कार का बीमा न होने के कारण कार स्वामी से ही उसे क्षतिपूर्ति के रूप में पांच लाख रुपये दिलाया जाए और तब तक कार मुक्त किए जाने का आदेश न दिया जाए
लेकिन कोर्ट ने सुनवाई कर आठ सितंबर को कार मुक्त करने का आदेश दे दिया था। शिव कुमार ने अपने अधिवक्ता नरेंद्र सिंह के माध्यम से कार को मुक्त करने के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट-2 के आदेश को चुनौती देते हुए अपर सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज की कोर्ट-11 में अर्जी लगाई।
अधिवक्ता नरेंद्र सिंह ने आदेश को चुनौती देते हुए तर्क दिया था कि घटना वाले दिन आरोपित की कार बीमित नहीं थी। उसका बीमा 27 जुलाई, 2020 से प्रभावी हुआ।
अपर सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट-2 के आठ सितंबर के आदेश को निरस्त कर पुनर्सुनवाई का आदेश दिया।
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