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भारतीय रक्षा क्षेत्र में बड़ी छलांग! MI-17 Helicopters को मिलेगा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, ड्रोन हमलों से बचने के लिए टैंकों पर लगेगा एंटी-ड्रोन सिस्टम

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत अब देश में ही उन्नत रक्षा उपकरणों का निर्माण किया जाएगा, जिससे सेना की मारक क्षमता में भारी इजाफा होगा। इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसके तहत एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और एयरक्राफ्ट मॉडिफिकेशन किट से लैस किया जाएगा। इस डील का कुल मूल्य लगभग 2385.36 करोड़ रुपये है, जो देश के रक्षा बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट से MI-17 Helicopters होंगे और भी घातक

यह समझौता भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को नए आयाम देगा। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट लगने के बाद MI-17 Helicoptersकठिन से कठिन मौसम में भी बिना किसी रुकावट के संचालित हो सकेंगे। यह सिस्टम दुश्मन के रडार और कम्युनिकेशन नेटवर्क को बाधित करने में सक्षम होगा, जिससे युद्ध के मैदान में भारतीय सेना को रणनीतिक बढ़त मिलेगी।

इसके अलावा, इस समझौते का एक बड़ा फायदा यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाले अधिकांश उपकरण देशी कंपनियों से खरीदे जाएंगे, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को मजबूती मिलेगी। छोटे और मझोले उद्योगों को भी इससे फायदा होगा, क्योंकि रक्षा उत्पादन में उनकी भागीदारी बढ़ेगी।

ड्रोन हमलों से बचने के लिए टैंकों पर लगेगा एंटी-ड्रोन सिस्टम

युद्ध के आधुनिक तरीकों में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, और इससे टैंकों को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए भारतीय सेना ने अपने टैंकों को एंटी-ड्रोन सिस्टम से लैस करने का फैसला किया है। सेना 75 काउंटर-ड्रोन सिस्टम खरीदने जा रही है, जिन्हें टी-90 और टी-72 टैंकों पर लगाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट अगले 36 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।

भारतीय सेना के पास फिलहाल 1650 टी-90 और 2400 टी-72 टैंक हैं, जो दुश्मन के खिलाफ जमीनी लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं। इन टैंकों को ड्रोन हमलों से बचाने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन को पहचानकर उसे नष्ट करने में सक्षम होगा, जिससे भारतीय टैंकों की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी।

मेक इन इंडिया: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम

रक्षा मंत्रालय लगातार ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दे रहा है और सार्वजनिक व निजी कंपनियों के साथ मिलकर देश में ही उन्नत हथियारों का निर्माण कर रहा है। इससे न केवल देश की सुरक्षा मजबूत हो रही है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।

आने वाले समय में और भी बड़े रक्षा समझौते होने की संभावना है, जिनसे भारत की सैन्य ताकत में और इजाफा होगा। सरकार का लक्ष्य है कि भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करे, बल्कि दुनिया के अन्य देशों को भी हथियार निर्यात करने वाला एक प्रमुख देश बने।

भारत का रक्षा क्षेत्र तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है, और यह समझौता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का उन्नयन और टैंकों पर एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती सेना की लड़ाकू क्षमता को नई ऊंचाई देगी। सरकार की यह पहल न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को भी साकार करेगी।

News-Desk

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