स्वास्थ्य

क्या आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है?

क्या आपका बच्चा पढ़ने , लिखने , गणित बनाने , बोलने एवं सुनने , पढ़ाई में मन लगाने , होम वर्क करने , याद करने में , कमजोर है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है ।

क्योंकि होम्योपैथी में ऐसी अनेक औषधियां है जो आपके बच्चे की पढ़ाई को दुरुस्त कर सकती है . बच्चों में सीखने की इससे प्रकार की अक्षमता उसके शैक्षणिक एवं क्रियाशीलता पर अनेक प्रकार कुप्रभाव डालती है . सीखने की इस अक्षमता जिसे चिकित्सीय भाषा में लर्निग डिसएबिलिटी कहते हैं . यह बच्चे के निम्न बौद्धिकता का सूचक नहीं है

सीखने की अक्षमता के कारण बच्चे अपने अशानुरूप बौद्धिक लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाते हैं . लगभग 2 से 10 प्रतिशत बच्चे इन परेशानियों से ग्रसित रहते हैं .

वैसे तो शैक्षिक अक्षमताओं के कारण बहुत स्पष्ट नहीं है , परन्तु इसके संभावित कारणों में तंत्रिका तंत्र के क्षीण होने के साथ – साथ अनेक और कारण भी है . – आनुवांशिक – सीखने की कमी पीढ़ी – दर पीढ़ी चलती है 

 गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान – मस्तिष्क के अल्पविकसित , बीमारी , चोट , अंग्रेजी दवाईयां , शराब सेवन , कम वजन का बच्चा , कम ऑक्सीजन , समय से पूर्व जन्म होना या प्रसव में ज्यादा समय लगना .

जन्म के बाद बच्चे का दुघर्टनाग्रस्त होना जैसे सिर में चोट , कुपोषण अथवा धातुओं , पर्यावरण प्रदूषण अथवा विषैले पदार्थों का कुप्रभाव भी सीखने की क्षमता पर कुप्रभाव डालता है 

बच्चे में उत्पन्न होने वाली शैक्षिक अक्षमताएं • मस्तिष्क के सूचना प्रक्रिया में किसी प्रकार की कमी अनेक प्रकार की सीखने की अक्षमता उत्पन्न करती है .

1. पढ़ाई में अक्षमता

2. लिखने में अक्षमता

3. गणित बनाने में अक्षमता

4. डिस्लेक्सिया

5. बोलने एवं सुनने की विसंगतियां .

6. याददास्त में कमी , सामाजिक बुद्धि , व्यवस्था एवं प्रबंधन और समय के प्रबंधन में कमी आदि .

पढ़ने में अक्षमता – बच्चे की पढ़ने की क्षमता , उसकी उस , शिक्षा , बुद्धिमता से कम , यह सामान्य समस्या है जो बच्चों के स्कूल के प्रदर्शन में समस्या उत्पन्न करती है .

लगभग 15 प्रतिशत स्कूली छात्रों को इस संबंध में स्कूल लगातार हिदायतें दी जाती रहती है . लगभग 1.5 प्रतिशत बच्चों को लगातार यह शिकायत रहती है . कैसे पहचाने : – शब्दों के चयन , शब्दों के पर्यायवाची दुढ़ने , अक्षरों एवं मित्रों के नाम

जानने में विलम्ब अथवा हिचक होना . – शब्दों को समझने में कमजोरी , धीमी एवं सही पढ़ई न होना , क्या पढ़ रहा है यह न समझना , देखकर लिखने में भी स्पेलिंग गलत होता . बच्चा पढ़ने एवं लिखने से भागता है . – भाषा लिखने एवं समझने में समस्या . 

गणित बनाने में अक्षमता_ गणित बनाने , अंक जोड़ने , गुणा करने , अंकों को समझने , गणितीय सोच को समझने में एवं सीखने में परेशानी गणितीय सूत्र को समझने , लिखी हुई चीजों को परिवर्तित करने में परेशानी, . लिखने की अक्षमता स्पेलिंग में गलती 

व्याकरण एवं शब्दों को व्यवस्थित करने में गलतियां , शब्दों की रचना में दिक्कत , शब्दों को सही स्थान रखने , सही पैराग्राफ बनाने में परेशानी, स्कूल में खराब प्रदर्शन . शैक्षिक अक्षमता का बच्चों पर मनोवैनिक प्रभाव बच्चों में निराशा , गुस्सा , स्कूल में लगातार असफलता से हताशा , खराब हस्तलिपि एवं पढ़ने में शर्मिन्दगी का अभाव 

तनाव एवं अवसाद . जब बच्चों में सीखने की अक्षमता हों तो सबसे पहले बच्चे के चिकित्सीय , विकास , सामाजिक स्थिति एवं स्कूल में प्रदर्शन का इतिहास जानना आवश्यक है .

दृष्टि एवं सुनने की कठिनाईयों की जड़ जानना आवश्यक है . शारीरिक एवं तंत्रिका तंत्र का परिक्षण आवश्यक है . कैसे करें समस्या का प्रबंधन__ विशेष तकनीकों से शैक्षिक इनपुट , काउन्सलिंग , एवं असिस्मेंट में मनोवैज्ञानिक सहयोग . – शैक्षिक प्लान एवं छात्र की जरूरत के अनुसार बनाना . – बच्चे की बुद्धि को खेल के माध्यम से उन्नत करना

• प्रशंसा एवं पुरस्कार से प्रोत्साहित करना . – बच्चे को मजबूती प्रदान कर इच्छा एवं योग्यता को बढ़ाना . – बच्चे की निन्दा एवं तिरस्कार न करें 

होम्योपैथिक उपचार : – बच्चे के मानसिक , शारीरिक एवं भावनात्मक स्तर को समझने के पश्चात् सविचारित होम्योपैथिक अवसर चयन के पश्चात् होम्योपैथिक प्रबन्धक संभव है .

कभी – कभी व्यवहारगत समस्यायें असली समस्या को छुपा देती है . सीखने की अक्षमता में धैर्य पूर्वक उपचार कराना आवश्यक है . निश्चित रूप से चुनी हुई होम्योपैथिक औषधि आपके बच्चे के सीखने की अक्षमता को दुरुस्त करने में सहयोगी हो सकती है .

सीखने की अक्षमता में प्रयोग होने वाली औषधियों में मेडोरिनम , लाइकोपोडियम , नैट्रम म्यूर , कैल्केरिया कार्ब , कैल्केरिया फॉस , नक्स वोमिका , कैल्केरिया आयो ड , थूजा , साइलिशिया , लैक कैनाइनम , एनाकार्डियम आदि प्रमुख हैं .

सीखने की अक्षमता से ग्रसित बच्चे के सम्पूर्ण लक्षणों के आधार पर ही सही औषधि का चयन किया जा सकता है परन्तु ; ध्यान रहे कि इस समस्या के समाधान के लिये चिकित्सक की सलाह पर ही औषधियों का प्रयोग करना चाहिए ।

अब किसी से रजिस्टर डॉक्टर से इसका सलाह ले सकते हैं अथवा फिर मेरे व्हाट्सएप पर संपर्क कर सकते हैं। मेरा व्हाट्सएप नंबर है 8709871868

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