फिल्मी चक्कर

महिलाओं की समाज में स्थिति सहित कई मुद्दों को भी मनोरंजक तरीके से उठाती है: Laapataa Ladies

 किरण की फिल्म ‘Laapataa Ladies’ एक मार्च को सिनेमाघरों में होगी. ‘लापता लेडीज’ से पहले उन्होंने अपनी फिल्म ‘धोबी घाट’ का निर्देशन किया था. किरण की मानें, तो अपने बेटे आजाद की परवरिश और पानी फाउंडेशन की वजह से उनकी दूसरी फिल्म के निर्देशन में इतना लंबा समय लग गया, लेकिन अब वह लगातार निर्देशक के तौर पर भी सक्रिय रहेंगी. फिल्म ‘Laapataa Ladies’ को लेकर किरण राव के साथ उर्मिला कोरी की हुई विशेष बातचीत के प्रमुख अंश.

किरण राव के निर्देशन में बनीं फिल्म ‘Laapataa Ladies’ जैसे-जैसे अपने रिलीज के करीब पहुंच रही है, वैसे-वैसे इसे लेकर उत्साह भी अपने चरम पर है. ह्यूमर और सस्पेंस से लबरेज इस फिल्म में अभिनेता रवि किशन अहम किरदार में हैं. वह फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर मनोहर की भूमिका में हैं, जिनको लापता हुई दुल्हन का केस सुलझाना है. अभिनेता आमिर खान ने किरण के निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘धोबी घाट’ में अभिनय किया था. आमिर इस फिल्म का भी हिस्सा बनना चाहते थे. वह इस फिल्म में इंस्पेक्टर मनोहर को रोल निभाना चाहते थे.

उन्होंने इसके लिए ऑडिशन भी दिया था, लेकिन जब उन्होंने रवि किशन का ऑडिशन टेप देखा, तो उन्हें महसूस हुआ कि रवि किशन ने जो अदाकारी की है, वह उस स्तर को किरदार में नहीं छू पायेंगे. किरण ने ट्रेलर लांच के दौरान बताया कि रवि किशन की मौजूदगी किरदार में सरप्राइज जोड़ जाती है, जबकि आमिर की मौजूदगी से दर्शकों को पूर्वाभास होगा कि किरदार इस तरह से बर्ताव करेगा. मनोहर का किरदार कई शेड्स वाला है.

फिल्म ‘लापता लेडीज’ के निर्माता आमिर खान हैं, निर्देशिका किरण राव हैं और कहानी बिप्लब गोस्वामी की है. उन्होंने इस फिल्म की कहानी को सिनेस्तान पटकथा प्रतियोगिता में 2018 में पेश किया था. उन्होंने उप विजेता का पुरस्कार भी जीता था. इसमें आमिर बतौर जज जुड़े थे और उन्हें यह कहानी बहुत पसंद आयी थी. उन्होंने ही किरण को इस कहानी की एक लाइन बतायी और कहा कि दुल्हनें ट्रेन में बदल जाती हैं. यह एक लाइन की कहानी किरण को अपील कर गयी. किरण बताती हैं कि बिप्लब की कहानी पर 70 प्रतिशत फिल्म आधारित है. 30 प्रतिशत स्क्रिप्ट में जोड़ा गया है. स्नेहा देसाई ने कहानी में ह्यूमर को जोड़ा. रवि किशन के लिए डायलॉग दयानिधि शर्म ने लिखे हैं, क्योंकि नॉर्थ का फ्लेवर संवाद में चाहिए था. फिल्म में छाया कदम का किरदार मेरी सोच थी.

फिल्म ‘लापता लेडीज’ की कहानी को 2001 में सेट किया गया है. ट्रेन में दो दुल्हनों की आपस में अदला-बदली हो जाती है. फिर क्या स्थिति बनती है, यह उसी की कहानी है. मौजूदा दौर में 20 साल पहले की इस कहानी को निर्देशिका किरण राव सामयिक करार देती हैं. वे कहती हैं कि यह एक व्यंग्यात्मक और महिलाओं पर आधारित फिल्म है. दहेज, महिलाओं की समाज में स्थिति सहित कई मुद्दों को भी मनोरंजक तरीके से उठाती है.

Laapataa Ladies फिल्म की कहानी वास्तविक है. हालांकि, फिल्म में प्रदेश का नाम फिक्शन दिया गया है. हमने निर्मल प्रदेश नाम रखा है, पर फिल्म की शूटिंग सेट पर नहीं, बल्कि रियल लोकेशन पर हुई है. फिल्म को मध्य प्रदेश में स्थित सीहोर में शूट किया गया है. फिल्म में असली ग्रामीण जीवन दिखाने के लिए वहां के लोगों को भी जोड़ा है. एमपी के साथ महाराष्ट्र में भी फिल्म की शूटिंग हुई है.

फिल्म में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव, छाया कदम और रवि किशन मुख्य भूमिका में हैं. किरण राव की मानें, तो कास्टिंग आसान नहीं थी. जब हमने कहानी सुनी और जब स्क्रिप्ट पूरी तरह से डेवलप कर ली, तो हमें पता था कि कहानी अपने आप में इतनी ईमानदार, इतनी सच्ची, इतनी वास्तविक है कि हमें ऐसे एक्टर की जरूरत होगी, जो इसमें फिट हो जायें और आम दर्शकों को वो किरदार ही लगें.

इसलिए यह पहले से ही तय था कि जाने-माने चेहरों को इस फिल्म से नहीं जोड़ा जायेगा. कास्टिंग डायरेक्टर रोमिल समझ गये कि हम इस फिल्म के लिए किस तरह का लहजा और लुक अपने एक्टर्स में चाहते हैं. उन्होंने टेलीविजन, थिएटर, सोशल मीडिया, सभी जगह तलाश की. एक बड़े ऑडिशन प्रोसेस से कई सौ लोग गुजरे. उसके बाद हमने एक्टर्स फाइनल किये. प्र

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