उत्तर प्रदेश

Jalaun News: राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोरोना निगेटिव रिपोर्ट फर्जीवाड़ा

Jalaun News: राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोरोना की जांच को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। जिसमें लैब में तैनात 3 रिसर्च साइंटिस्टों की बड़ी लापरवाही की बात उजागर हुई है। सितंबर माह में जब पूरे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में ब्रेक लग गया था, तो वहीं जालौन में लगातार पॉजिटिव मरीजों की ग्राफ बढ़ रहा था।

इस बात को लेकर सीएमओ ने शक जताया तो मरीजों की जांचों को दोबारा मेडिकल कॉलेज झांसी (Medical College Jhansi) और राममनोहर अस्पताल (Ram Manohar Hospital) में क्रॉस जांच कराई तो पूरे मामले की पोल खुल गई और यहां तैनात साइंटिस्टों ने कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा किया है। बात का खुलासा होने पर डीएम ने जांच कमेटी बना दी है और रिसर्च साइंटिस्टों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात की जा रही है।

बता दें कि कोरोना जांच को लेकर मेडिकल कॉलेज  में बड़ी लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। बीते माह एक से 15 सितंबर के बीच 20 मरीजों को यहां के रिसर्च साइंटिस्टों ने अपनी रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव दिखा दिया था।

लेकिन इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के पॉजिटिव आने की रिपोर्ट पर मेडिकल के प्रधानाचार्य ने उक्त सभी पॉजिटिव रिपोर्ट के नमूनों की मेडिकल कॉलेज झांसी व राममनोहर लोहिया अस्पताल से जांचें कराई तो सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

कोरोना की जांच रिपोर्ट में बड़ी लापरवाही पर यहां तैनात रिसर्च साइंटिस्ट की गड़बड़ रिपोर्ट पर यहां के नोडल अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। कोरोना की जांच के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज दरअसल 4 से 5 सितंबर के बीच मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराई थी। जिसके बाद यहां पर तैनात 3 साइंटिस्टो ने इन रिपोर्ट को पॉजिटिव बताया था। लेकिन 7 सितंबर को यह सभी जांचें क्रॉस चेक कराई गई तो नेगेटिव पाई गई।

राजकीय मेडिकल कॉलेज की बीएसएल 2 लैब में कोरोना की जांच की जिम्मेदारी रिसर्च साइंटिस्ट सचिन रंजन श्रीवास्तव, नेहा तिवारी व प्रियंका सिंह की है। कोरोना की जांच के बाद इन 15 से 20 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव दर्शाई गई थी। लेकिन उन्हीं व्यक्तियों का आधा सैंपल जो कि एक माह तक बचाकर रखा जाता है। उसकी जीनोम सीक्वेंसी व क्वालिटी कंट्रोल की जांच के बाद इन सभी 20 व्यक्तियों की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई तो इसमें रिसर्च साइंटिस्टों की मिलीभगत सामने आई हैं।

मेडिकल के प्राचार्य प्रधानाचार्य डॉ. डी नाथ ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए लैब के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सहायक आचार्य व बीएसएल 2 लैब के नोडल अधिकारी डॉ. गोपाल कुमार से स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन दिन के अंतराल में उक्त मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव किस वैज्ञानिक आधार पर आई हैं, इसे स्पष्ट करें। 

News Desk

निष्पक्ष NEWS.जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 15097 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three + three =