मथुरा में कराटे चैंपियनशिप में लहराया परचम: Muzaffarnagar के खिलाड़ियों ने रोशन किया जिले का नाम
मथुरा: जी.एल.ए. यूनिवर्सिटी का हाल 16 और 17 नवंबर को एक विशाल कराटे प्रतियोगिता का गवाह बना। ट्रेडिशनल शीतो काई फेडरेशन के तत्वावधान में आयोजित आठवीं रॉयल चैलेंज कप ऑल इंडिया कराटे चैंपियनशिप में पूरे भारत के विभिन्न राज्यों और जिलों से आए 800 से अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाड़ियों में Muzaffarnagar से डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स कराटे एसोसिएशन के तहत चयनित 14 खिलाड़ियों ने अपनी विशेष प्रतिभा का परिचय दिया।
इस आयोजन ने मथुरा को एक बार फिर खेलों की महत्ता का केंद्र बना दिया। हर उम्र के खिलाड़ियों ने अपनी कला और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए न केवल पदक जीते बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों का नाम भी रोशन किया।
Muzaffarnagar के खिलाड़ियों की जीत: स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों की धूम
प्रतियोगिता में मुजफ्फरनगर के खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। अपने भार वर्ग की कराटे फाइट में काव्या, सिद्धांत, रुद्रांश सिंह, और अवि पाल ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
रजत पदक विजेताओं में सुखप्रीत, उदित कुमार, गौरवी, और माही चौधरी का नाम शामिल है। वहीं, कांस्य पदक विजेताओं में मीनाक्षी, लवप्रीत, गुरप्रीत, केशव, और दीपक सैनी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
काता खेल में भी कमाल का प्रदर्शन
काता खेल में सीनियर वर्ग में आदित्य धनराज कौशिक ने स्वर्ण पदक जीतकर दर्शकों की वाहवाही लूटी। कैडेट वर्ग में रुद्रांश ने रजत पदक और सब-जूनियर वर्ग में सिद्धांत ने कांस्य पदक जीतकर जिले का गौरव बढ़ाया।
रेफरी और कोच की अहम भूमिका
मुजफ्फरनगर से रेफरी के रूप में सेक्रेटरी जनरल शिहान राजेश कौशिक और जानसठ से सेंसेई निखिल आर्य ने रेफरी जज की भूमिका निभाई। वहीं, उत्तर प्रदेश एथलीट कमीशन के सदस्य सेंसेई आदित्य धनराज कौशिक ने टीम कोच के रूप में टीम को मार्गदर्शन दिया।
प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश कराटे के संयुक पदाधिकारी शिहान अमित गुप्ता और शिहान वैकुंठ जी ने खिलाड़ियों को टीम ट्रॉफी प्रदान की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इनकी उपस्थिति ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और नई ऊर्जा दी।
प्रतियोगिता का महत्व और खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन
यह प्रतियोगिता न केवल खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देती है, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार भी करती है। मथुरा जैसे शहर में इस तरह के आयोजन से क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा मिलता है और युवाओं को प्रेरणा मिलती है।
खेल के साथ संस्कार भी
यह प्रतियोगिता खिलाड़ियों को केवल खेल कौशल ही नहीं सिखाती, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम वर्क जैसे मूल्यों को भी बढ़ावा देती है। खिलाड़ियों ने जीत के साथ खेल भावना का भी प्रदर्शन किया, जो आने वाले समय में उनकी सफलता का आधार बनेगा।
मुजफ्फरनगर का खेल जगत: बढ़ती लोकप्रियता
मुजफ्फरनगर के खिलाड़ियों ने हाल के वर्षों में कई प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है। कराटे के अलावा, जिले के युवा फुटबॉल, बैडमिंटन और एथलेटिक्स में भी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। जिले के खेल संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयास खिलाड़ियों को हर संभव समर्थन और सुविधा प्रदान करने में मददगार साबित हो रहे हैं।
खिलाड़ियों के माता-पिता और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
खिलाड़ियों की इस सफलता ने न केवल उनके परिवारों, बल्कि पूरे जिले को गर्व से भर दिया है। माता-पिता ने बताया कि इस तरह के आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें उच्च स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा:
“हमें गर्व है कि हमारे शहर के बच्चे देश भर में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे आयोजन से युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ती है।”
मथुरा से मिली प्रेरणा
इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल खिलाड़ियों को बेहतर बनाने में मदद करती हैं, बल्कि क्षेत्र के खेलों को भी नई पहचान देती हैं। मथुरा में आयोजित इस चैंपियनशिप ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।