जानिए वर्ष 2021 गोचरफल मेष राशि वालों के लिए
मेष राशि वालों के लिए वर्ष 2021 के गोचरफल की बात करें तो ब्रहस्पति ग्रह का गोचर मकर राशि में रहेगा जो कि मेष लग्न की कुण्डली में दसम भाव में है
दसम भाव में कोई भी ग्रह हो वह ज़्यादा मेहनत की उमीद रखता है तभी वह अपने भाव और कारक विषयों से संबंधित फल प्रदान करता है, इस नाते इस वर्ष आपको रिश्तों और धन के मामले में सुख प्राप्ति के लिए ज़्यादा प्रयास करने की ज़रूरत रहेगी
और आपकी तरक्की में भी इस वर्ष बाधा आएगी । हालांकि अगर आप घर परिवार से दूर रहते हैं या दूर की यात्रा करने वाले हैं तो यह वर्ष आपके लिए अच्छा रहने वाला है ।
इसके साथ ही शनि का गोचर भी दसम भाव में ही रहेगा, शनि जो कि खुद की राशि में गोचर कर रहे हैं यह आपके कामकाज में अच्छी तरक्की आपको देंगे
और कामकाजी व्यस्तता के चलते ही आप घर परिवार को कम समय दे पाएंगे , लेकिन इस से आपको कोई नुकसान भी नहीं है । जबकि राहु का गोचर द्वितीय भाव में होगा यह गोचर आपको घर परिवार में शुभ कार्य के अवसर देगा और
आपकी आय के नए साधन भी बनेंगे , जबकि अष्टम भाव में केतु का गोचर स्त्री सुख में कमी , और आर्थिक पक्ष से आपको मज़बूत करेगा । मेष राशि वालो के लिए वर्ष 2021 में ग्रहों का नक्षत्र के आधार पर गोचरीय प्रभाव निम्न अनुसार रहेगा ।
ब्रहस्पतिगोचरउत्तराषाढ़ानक्षत्रमें : दोस्तों मेष राशि की कुण्डली में यह गोचर दसम भाव में होगा । गोचरीय फल के लिए नक्षत्र स्थिति का विचार करेंगे , ब्रहस्पति का गोचर 20 नवंबर 2020 से 7 जनवरी 2021 के दरमियान मकर राशि के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में रहेगा जो कि सूर्य का नक्षत्र है, और मेष राशि की कुण्डली में सूर्य पंचम भाव के स्वामी हैं
इस तरह इस समय दौरान दसम भाव में गोचर कर रहे ब्रहस्पति के फल पंचम भाव से संबंधित होंगे, जैसे कि दसम भाव कार्यक्षेत्र और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है और पंचम भाव शिक्षा संतान आर्थिक तरक्की से संबंधित है इस नाते नोकरी व्यवसाय के लिहाज से यह समय शुभकारी रहेगा, ब्रहस्पति नैसर्गिक शुभ ग्रह हैं
इस नाते कम मेहनत में भी बेहतर परिणाम के रूप में अच्छी सफलता देंगे,, नए व्यवसायक निवेश से लाभ होगा, विद्यार्थियों के लिए भी शिक्षा के लिहाज से स्काई शुभकारी बना रहेगा । विवाह और संतान सुख के योग बनेंगे ।
ब्रहस्पतिगोचरश्रवणनक्षत्रमें : और इस के बाद ब्रहस्पति का गोचर 7 जनवरी 2021 से 5 मार्च 2021 दरमियान मकर राशि श्रवण नक्षत्र में रहेगा, जो कि चन्द्रमा का नक्षत्र है, इस तरह दसम भाव में गोचर कर रहे ब्रहस्पति के फल चतुर्थ भाव से संबंधित होंगे , जैसे कि दसम भाव कार्यक्षेत्र और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है और चतुर्थ भाव मानसिक सुख है
इस नाते आपको मन मुताबिक जगह पर कार्य करने के अवसर मिलेंगे, ज़मीन की खरीद बेच से जुड़े कार्य बनेंगे, आप नई जगह रहने जा सकते हैं , अगर खुद का घर अभी तक नहीं है
तो ब्रहस्पति का यह गोचर खुद का घर बनाने में मदद करेगा । पिता व सरकार के माध्यम से लाभ प्राप्ति के योग हैं , आप खुद का नया कारोबार भी इस समय में शुरू कर सकते हैं, ज़मीन या वाहन प्राप्ति के भी योग बने हुए हैं ।
ब्रहस्पतिगोचरधनिष्ठानक्षत्रमें : और इस के बाद ब्रहस्पति का गोचर 5 मार्च से 5 अप्रैल और फिर 15 सितंबर से 20 नवंबर दरमियान मकर राशि धनिष्ठा नक्षत्र में रहेगा, जो कि मंगल का नक्षत्र है, इस तरह दसम भाव में गोचर कर रहे ब्रहस्पति के फल पहले और अष्टम भाव से संबंधित होंगे
जैसे कि जन्म कुण्डली का पहला भाव नए कार्यो के उदय और सफलता प्राप्ति का होता है, और अष्टम भाव science और research के विषय हैं इस नाते कार्यक्षेत्र में नई तकनीक को शामिल कर तरक्की के अवसर आप बना सकते हो, स्थान परिवर्तन के लिए समय शुभकारी रहेगा, कुछ नया सीखने के लिए, गूढ़ ज्ञान प्राप्ति के लिए
दृर स्थान की यात्रा के लिए समय शुभकारी रहेगा । साधुजनों की संगत के माध्यम से आपको ज्ञान की प्राप्ति होगी, अचानक से धन संपदा प्राप्ति के भी योग बन सकते हैं, लेकिन स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें ।
शनिगोचरउत्तराषाढ़ानक्षत्रमें : दोस्तों मेष राशि की कुण्डली में शनि का यह गोचर मकर राशि दसम भाव में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में रहेगा 22 जनवरी 2021 तक , इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह सूर्य हैं जो कि मेष राशि की कुण्डली में पंचम भाव के स्वामी हैं , इस तरह वर्तमान समय से 22 जनवरी 2021 तक दसम भाव में गोचर कर रहे शनि के फल पंचम भाव से संबंधित होंगे
जैसे कि दसम भाव कार्यक्षेत्र और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है और पंचम भाव शिक्षा संतान आर्थिक तरक्की से संबंधित है इस नाते नोकरी व्यवसाय के लिहाज से यह समय शुभकारी रहेगा
हालांकि शनि मेहनत के कारक हैं इस नाते की गई मेहनत अनुसार ही परिणाम देंगे, नए व्यवसायक निवेश से लाभ होगा, विद्यार्थियों के लिए भी शिक्षा के लिहाज से स्काई शुभकारी बना रहेगा । विवाह और संतान सुख के योग बनेंगे ।
शनिगोचरश्रवणनक्षत्रमें : और इसके बाद 22 जनवरी 2021 से लगभग जनवरी 2022 तक शनि का गोचर श्रवण नक्षत्र में रहेगा, जिसके स्वामी ग्रह चन्द्रमा हैं , और मेष राशि की कुण्डली में चंद्रमा चतुर्थ भाव के स्वामी हैं , इस तरह दसम भाव में गोचर कर रहे शनि के फल चतुर्थ भाव से संबंधित होंगे, जैसे कि दसम भाव कार्यक्षेत्र और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है और चतुर्थ भाव मानसिक सुख है इस नाते आपको मन मुताबिक जगह पर कार्य करने के अवसर मिलेंगे
ज़मीन की खरीद बेच से जुड़े कार्य बनेंगे, आप नई जगह रहने जा सकते हैं , अगर खुद का घर अभी तक नहीं है तो शनि का यह गोचर खुद का घर बनाने में मदद करेगा । पिता व सरकार के माध्यम से लाभ प्राप्ति के योग हैं , आप खुद का नया कारोबार भी इस समय में शुरू कर सकते हैं, ज़मीन या वाहन प्राप्ति के भी योग बने हुए हैं ।
राहुगोचरमृगशिरानक्षत्रमें : गोचरफल का अध्ययन करने के लिए कोई भी ग्रह किस नक्षत्र में गोचर करता है यह भी देखना ज़रूरी होता है । दोस्तों वर्तमान समय में राहु का गोचर मृगशिरा नक्षत्र में है जो कि लगभग अगले वर्ष की 28 जनवरी तक रहेगा , जो कि मंगल का नक्षत्र है , और मेष राशि की कुण्डली में मंगल 1 और 8 भाव का स्वामी है
और राहु का यह गोचर द्वितीय भाव में रहेगा , इस तरह मेष राशि वालों को 28 जनवरी तक राहु के इस गोचर के फल 1, 2 और 8 भाव से संबंधित होंगे, जैसे कि इस गोचरीय समय में आप खुद से अपनी ही आर्थिक स्थिति को खतरे में डालते चले जाएंगे, income को बढाने के प्रयास आप करेंगे, नए व्यवसायक निवेश आप करेंगे जिन से आपको कोई लाभ नहीं होगा । किसी नई जगह जाकर रहने का विचार जैसे कि शहर से बाहर ज़मीन खरीदने का विचार आपका बनेगा
या फिर घर के रेनोवेशन पर ही आपका धन खर्च होगा । द्वितीय और अष्टम भाव का यह संबंध आपके धन और कीमती चीज़ों को लेकर अच्छा नहीं रहने वाला, क्योंकि आपका पर्स या मोबाइल चोरी या गुम हो सकते हैं । साँझीदारी में कोई नया कार्य शुरू करने का विचार आपका बनेगा लेकिन उस में आपके साँझीदार को ही ज़्यादा लाभ होगा ।
बाहरी भोजन, यात्रा , महंगे मोबाइल खरीदने में आपकी रुचि बनेगी । इस नाते आपको यही सलाह है कि 28 जनवरी तक आर्थिक स्थिति को संभाल कर चलें , खुद की व्यक्तिगत ज़रूरत पर जितना चाहे खुल कर खर्च करें , लेकिन धन कमाने की इच्छा से कहीं धन 28 जनवरी तक ना लगाएं ।
राहुगोचररोहिणीनक्षत्रमें : इस के बाद राहु का गोचर 28 जनवरी 2021 से 4 अक्टूबर 2021 दरमियान रोहिणी नक्षत्र में रहेगा जो कि चन्द्रमा का नक्षत्र है , और मेष राशि की कुण्डली में चंद्रमा चतुर्थ भाव का स्वामी है , इस तरह इस समय दौरान मेष राशि वालों को 2 और 4 भावों से संबंधित फल मिलेंगे, जैसे कि इस गोचरीय समय में नए income sources से संबंधित किसी भी तरह के नए setup लाभ देने वाले सिद्ध होंगे
आप इस समय में नए घर में ग्रह प्रवेश भी कर सकते हैं और अगर कोई नई दुकानदारी या फैक्टरी लगाने का भी मन है तो उसका भी शुभ महूर्त आप 28 जनवरी के बाद से कर सकते हैं । नई गाड़ी खरीदने के लिए यह शुभकारी समय रहेगा । विद्यार्थियों के लिए भी यह समय पढ़ाई के लिहाज से , नए courses की शुरुआत के लिए अच्छा समय यह सिद्ध होगा , इस समय में की गई पढ़ाई आगे भविष्य में लाभ देगी ।
राहुगोचरकृतिकानक्षत्रमें : इस के बाद राहु का गोचर 4 अक्टूबर 2021 से 12 अप्रैल 2022 दरमियान वृषभ राशि कृतिका नक्षत्र में रहेगा जो कि सूर्य का नक्षत्र है, और मेष राशि की कुण्डली में सूर्य पंचम भाव का स्वामी है , इस तरह इस समय दौरान मेष राशि वालों को 2 और 5 भावों से संबंधित फल मिलेंगे, जैसे कि यह गोचरीय समय व्यवसाय करने वालो के लिए और विद्यार्थियों के लिए भी अच्छा रहेगा
जो लोग नोकरी में हैं उनकी भी तरक्की के योग बनेंगे । जो लोग अविवाहित हैं और जीवनसाथी की तलाश में हैं उनके विवाह के योग भी इस समय में बनेंगे , प्रेमी , प्रेमिका के सुख मिलेंगे , शेयर बाजार में कार्य करने वालो के लिए यह समय लाभ देने वाला साबित होगा ।
केतुगोचरजेष्ठानक्षत्रमें : गोचरफल का अध्ययन करने के लिए कोई भी ग्रह किस नक्षत्र में गोचर करता है यह भी देखना ज़रूरी होता है । दोस्तों 24 सितंबर से केतु का गोचर वृश्चिक राशि जेष्ठा नक्षत्र में है जो कि लगभग अगले वर्ष की 3 जून तक रहेगा , जो कि बुध का नक्षत्र है , और मेष राशि की कुण्डली में बुध 3 और 6 भाव का स्वामी है
और केतु का यह गोचर अष्टम भाव में रहेगा , इस तरह मेष राशि वालों को 3 जून 2021 तक केतु के इस गोचर के फल 3, 6 और 8 भाव से संबंधित होंगे, जैसे कि केतु का संबंध जिस भी भाव भावेश से बनता है उन से संबंधित तत्वों की वृद्धि केतु अपने नैसर्गिक गुण अनुसार करता है , इस तरह इस गोचरीय समय में आपके अनावश्यक खर्च और नुकसान बढेंगे , कम नींद लेकर आप ज़्यादा कार्य और ज़्यादा मेहनत के प्रयास करेंगे
जिन से कोई लाभ नहीं होगा । बल्कि ऐसी स्थिति में आपका चन्द्रमा खराब होगा , जिस से अनावश्यक यात्रा, यात्रा में नुकसान , चोरी , यात्रा में दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी । विशेष कर भौतिक विषयो के सुख प्राप्ति के लिए यह समय अनुकूल नहीं है , लेकिन धर्म और अध्यात्म के लिए , ज्ञान प्राप्ति के लिए , गूढ़ ज्ञान जिस में शेयर बाजार और ज्योतिष जैसे विषयों की जानकारी हो ऐसे ज्ञान की प्राप्ति आपको होती रहेगी , इस के इलावा ऐसे साधुजनों की संगत से भी आपको लाभ और सुख की प्राप्ति होगी ।
केतुकागोचरअनुराधानक्षत्र_में : इस के बाद केतु का गोचर 3 जून 2021 से 9 फरवरी 2022 दरमियान अनुराधा नक्षत्र में रहेगा जो कि शनि का नक्षत्र है , और मेष राशि की कुण्डली में शनि 10 और 11 भाव का स्वामी है , इस तरह इस समय दौरान मेष राशि वालों को 8, 10 और 11 भावों से संबंधित फल मिलेंगे, जैसे कि अष्टम और एकादश भाव का यह संबंध आपके लिए स्थान परिवर्तन के योग देगा
यह परिवर्तन घर और नोकरी या व्यवसाय से संबंधित हो सकते हैं , आपके income के साधनों में बदलाव होगा , नए income source आपके बनेंगे जो अच्छे भी रहेंगे । पिता के माध्यम से आर्थिक लाभ या पैतृक धन संपदा की प्राप्ति आपको होगी , लेकिन ऐसी ग्रह स्थिति ग्रहस्थ सुख के लिए शुभ नहीं है , पारिवारिक रिश्तों के सुख में कमी होगी , अगर आप अविवाहित हैं तो भी आपको विवाह के लिए और इंतज़ार करना पड़ सकता है ।
कष्टकारी_महीने : जब भी सूर्य का गोचर कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि में रहेगा , यह महीने आपके लिए कष्टकारी रहेंगे , इस नाते किसी भी तरह के महत्वपूर्ण कार्य इन महीनों में करने से परहेज़ करें ।
शुभकारी_महीने : जब भी सूर्य का गोचर वृषभ, मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि में रहेगा, यह महीने आपके लिए शुभकारी रहेंगे, इस नाते किसी भी तरह के महत्वपूर्ण कार्य आप इन महीनों में कर सकते हैं ।