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देवउठनी एकादशी

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को मनाई जाने वाली है। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है। यह विवाह एक आम विवाह की तरह होता है जिसमें शादी की सारी रस्में निभाई जाती हैं। बारात से लेकर विदाई तक सभी रस्में होती हैं। आइए आपको बताते हैं तुलसी विवाह के शुभ मुहुर्त और पूजा विधि के बारे में।

👉🏼 कब होता है तुलसी विवाह

कार्तिक नास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी की देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है। वहीं कुछ लोग द्वादशी के दिन भी तुलसी विवाह करते है। जहां एकादशी 8 नवंबर को है। वहीं द्वादशी 9 नवंबर को पड़ रही है।

तुलसी विवाह की तिथि और शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि आरंभ: 07 नवंबर 2019 की सुबह 09 बजकर 55 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 08 नवंबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक
द्वादशी तिथि आरंभ: 08 नवंबर 2019 की दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से
द्वादशी तिथि समाप्‍त: 09 नवंबर 2019 की दोपहर 02 बजकर 39 मिनट तक

🔯 तुलसी विवाह पूजा विधि:

सबसे पहले तुलसी के पौधे को आंगन के बीचों-बीच में रखें और इसके ऊपर भव्य मंडप सजाएं। इसके बाद माता तुलसी पर सुहाग की सभी चीजें जैसे बिंदी, बिछिया,लाल चुनरी आदि चढ़ाएं।
इसके बाद विष्णु स्वरुप शालिग्राम को रखें और उन पर तिल चढ़ाए क्योंकि शालिग्राम में चावल नही चढ़ाए जाते है। इसके बाद तुलसी और शालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं। साथ ही गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें। अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें। इसके बाद दोनों की घी के दीपक और कपूर से आरती करें। और प्रसाद चढ़ाएं।

🌳 तुलसी विवाह की कथा

बहुत समय पहले जलंधर नामक एक राक्षस हुआ करता था। जिसने सभी जगह बहुत तबाही मचाई हुई थी। वह बहुत वीर और पराक्रमी था। उसकी वीरता का राज उसकी पत्नी वृंदा का परिव्रता धर्म था। जिसकी वजह से वह हमेशा विजयी हुआ करता था। जलंधर से परेशान देवगण भगवान विष्णु के पास गए और उनसे रक्षा की गुहार लगाई। देवगणों की प्रार्थना सुनने के बाद भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग करने का फैसला लिया।

उन्होंने जलंधर का रुप धरकर छल से वृंदा को स्पर्श किया। जिससे वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग हो गया और जंलधर का सिर उनके घर में आकर गिर गया। इससे वृंदा बहुत क्रोधित हो गई और उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि तुम पत्थर के बनोगे। तुमने मेरा सतीत्व भंग किया है। विष्णु भगवान का पत्थर रुप शालिग्राम कहलाया। इसके बाद विष्णु जी ने कहा- हे वृंदा मैं तुम्हारे सतीत्व का आदर करता हूं लेकिन तुलसी बनकर सदा मेरे साथ रहोगी। जो मनुष्य कार्तिक की एकादशी पर मेरा तुमसे विवाह करवाएगा उसकी सारी मनोकामना पूरी होगी।​

8 नवंबर को है देवउठनी एकादशी, इस दिन 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल पाने के लिए करें ये उपाय ….

देवउठनी एकादशी 2019: भगवान विष्णु चार महीने के शयनकाल के बाद देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। इस बार देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को मनाई जाएगी।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन से कोई भी मंगल कार्य शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा इस दिन अगर विधिवत पूजा अर्चना की जाए तो पूजा करने वाले व्यक्ति को एक हजार अश्वमेघ यज्ञ के बराबर का पुण्य प्राप्त होता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु इस दिन विश्राम से जागकर सृष्टि का कार्य-भार संभालते हैं। देवउठनी एकादशी से सभी मंगल कार्य शुरू हो जाते है।

ऐसे में आइए जानते हैं इस शुभ दिन क्या करने से व्यक्ति को 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त हो सकता है।

लक्ष्मी पूजन –
देवउठनी एकादशी के दिन स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी विधिवत पूजा जरूर होता है।

याद रखें ऐसा करने पर ही आपकी पूजा पूर्ण मानी जाती है और व्यक्ति को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पीपल के वृक्ष में दीपक जलाएं –
ऐसा माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास होता है। यही वजह है कि देवउठनी एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष के पास सुबह गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

तुलसी विवाह-
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी का विवाह करने की परंपरा है। इस दिन हर सुहागन महिला को यह विवाह जरूर करना चाहिए।

ऐसा करने से उसे अंखड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां तुलसी की पूजा करते समय उन्हें लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं।

शाम को घर में दीपक जलाएं-
इस दिन शाम को घर के हर कोने में एक दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहती है।

लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें-
देव दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सूक्त पाठ जरूर करें। ऐसा करने से आपके सारे आर्थिक संकट दूर हो जाएंगे।

शंख में गाय के दूध डालकर करें अभिषेक-
देव उठनी एकादशी के दिन दक्षिणवर्ती शंख में गाय का दूध डालकर भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा आज के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी पूजन के साथ तुलसी विवाह भी अवश्य करे।

News Desk

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