Lucknow News: अग्निकांड के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में दिए थे जांच के आदेश,लेवाना अग्निकांड में चार लोगों की हुई थी मौत
Lucknow News: होटल लेवाना अग्निकांड मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हंटर चला है. जांच मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने चार रिटायर्ड अफसरों समेत 19 अन्य पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. रिटायर हो चुके अफसरों के खिलाफ भी विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री का यह एक्शन पुलिस कमीशन और मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद देखने को मिली है. राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने लखनऊ के होटल अग्निकांड में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए है.
#YogiAdityanath ने लखनऊ के होटल लेवाना में आग लगने की घटना में प्रथम दृष्टया अनियमित और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। pic.twitter.com/eI8Ur7x0Oh
— News & Features Network (@mzn_news) September 11, 2022
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में गृह विभाग, ऊर्जा विभाग, नियुक्ति विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा आबकारी विभाग के अधिकारियों को निलम्बित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जबकि सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध सम्बन्धित विभागों के प्रचलित नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.गृह विभाग के अभयभान पाण्डेय (मुख्य अग्निशमन अधिकारी), आवास एवं शहरी नियोजन विभाग (एलडीए) के अरुण कुमार सिंह (तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता), ओम प्रकाश मिश्रा (तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता) और गणेशी दत्त सिंह (अवर अभियन्ता) के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
सुशील यादव तत्कालीन अग्निशमन अधिकारी, योगेन्द्र प्रसाद अग्निशमन अधिकारी-द्वितीय, विजय कुमार सिंह मुख्य अग्निशमन अधिकारी, ऊर्जा विभाग के विजय कुमार राव सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा, आशीष कुमार मिश्रा अवर अभियन्ता, राजेश कुमार मिश्रा उपखण्ड अधिकारी, नियुक्ति विभाग के तहत महेन्द्र कुमार मिश्रा पीसीएस (तत्कालीन विहित प्राधिकारी) लखनऊ विकास प्राधिकरण को निलम्बित किया गया है. इनके अलावा आवास एवं शहरी नियोजन विभाग (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के राकेश मोहन तत्कालीन सहायक अभियन्ता, जितेन्द्र नाथ दुबे तत्कालीन अवर अभियन्ता, रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव तत्कालीन अवर अभियन्ता, जयवीर सिंह तत्कालीन अवर अभियन्ता तथा राम प्रताप मेट लखनऊ विकास प्राधिकरण को भी निलंबित किया गया है.