उत्तर प्रदेश

Lucknow News: Slum Redevelopment Policy 2021 को मंजूरी, एक हजार रुपये में फ्लैट मिलेंगे मलिन बस्ती में रहने वालों को

Lucknow News: गुरुवार देर शाम हुई कैबिनेट की मीटिंग में 5 प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। जिसमें  दलितों को 1000 रुपए में आवास देने की योजना है। इसके अलावा जिन अन्य प्रस्तावों को मंजूरी मिली है, उसमें चिकित्सा शिक्षक की पुनर्नियुक्ति के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है। इसके साथ ही पर्यटन नीति में संशोधन का प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

योगी सरकार ने दलितों के लिए स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति-2021 Slum Redevelopment Policy 2021 को मंजूरी दी है। इससे मलिन बस्ती में रहने वालों को एक हजार रुपये में फ्लैट मिलेंगे। इस योजनाओं के तहत सरकार दलितों के लिए पीपीपी मॉडल पर अपार्टमेंट बनाएगी।

जिसे 1000 रुपये के पंजीकरण शुल्क पर दलितों को फ्लैट आवंटित किया जाएगा। योगी सरकार ने गुजरात मॉडल को अपनाते हुए इस प्रस्ताव मंजूरी दी है। इस योजनाओं के तहत ऐसी मलिन बस्तियों को चुना जाएगा जो शहर की मुख्य स्थानों पर होने के साथ ही व्यवसायिक रूप से संगत में है। इन स्थानों को अपार्टमेंट के रूप में विकसित करने का पूरा खाका तैयार किया जाएगा।

सरकार अपार्टमेंट बनाने के लिए ऐसी मलिन बस्तियों को चुनेगी जो राजकीय भूमि पर, नगरीय भूमि पर, नूजल की भूमि पर रह रहे हैं। इस योजना के तहत उन बस्तियों को नहीं लिया जाएगा जो नदी नाले या अन्य खतरनाक स्थानों के किनारे बसे हुए हैं। नगर निगमों में मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी। जबकि नगर पालिका परिषद वाले शहरों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनेगी। ये समिति डीपीआर तैयार करेगी इसे सूडा के माध्यम से नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा।

जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके मुताबिक मलिन बस्ती की जमीन जो विकसित करेगा उसे मुफ्त में दी जाएगी या मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। सरकार इन मलिन बस्तियों में रहने वाले उन लोगों को फ्लैट देगी जिनके पास कहीं दूसरा पक्का मकान नहीं है। लाभार्थियों को आधार से जोड़कर फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। सरकार बस्ती की जमीन डेवलपमेंट करने वाले को व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए देगी। इससे व्यवसायिक कंपलेक्स बनेंगे, विकास होगा और वह अपने खर्चे पर इन्हें डेवलप करेगा। सरकार अपार्टमेंट के रखरखाव के लिए एक कॉर्पस फंड भी बनाएगी जो इसका पूरा देखरेख करेगा और मेंटेनेंस का ध्यान देगा।

पूर्व सीएम मायावती ने भी ऐसी ही एक योजना शहरों में रहने वाले दलितों के लिए शुरू की थी। जिसमें जिन दलित परिवारों के पास अपने मकान नहीं थे उन्हें शहर के बीचोबीच कांशीराम आवास योजना के तहत फ्लैट दिए गए थे। मायावती की ये योजनाओं प्रदेश के सभी जिलों में शुरू की गई थी। फ्लैट बनाकर दलितों को आवंटित भी किए गए थे। 

News-Desk

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