Lucknow: योगी सरकार ने नई तबादला नीति को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को हुई Lucknow कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत कुल 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें उच्च राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव वाले मुद्दे भी शामिल हैं।
इस नीति के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जैसे कि निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करना और हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय को मंजूरी देना। विश्वविद्यालयों के नामों में भी कटौती की गई है और कई नए विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए अनुमति दी गई है।इसके अलावा, तबादला नीति के तहत प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिकों को हटाया जाएगा। इससे सरकारी संस्थानों में कार्य संगठन में सुधार होगा और कार्मिकों के बीच संतुलन बना रहेगा।
बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे क्षेत्र के विकास में गति आएगी।बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि इन परियोजनाओं को दो महीने में पूरा कर दिया जाएगा, जिससे क्षेत्र में विकास की रफ्तार में तेजी आएगी।
सरकार ने उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में विकास को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। यह नीति समाज में सकारात्मक प्रभाव डालेगी और राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा भी साबित हो सकती है।इसके अलावा, इन प्रस्तावों के माध्यम से नए उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में एक नया कदम उठाया गया है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकता है।इस प्रस्ताव के अंतर्गत नीति के तहत प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिक हटाए जाएंगे। पिक एंड चूज की व्यवस्था खत्म होगी। जो ज्यादा पुराना होगा, वह पहले हटेगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे।
सरकार ने उत्तर प्रदेश में कार्य संगठन में सुधार करने का निर्णय लिया है। यह नीति सरकारी संस्थानों के कार्मिकों के बीच संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ सरकारी सेवाओं में सुधार लाने का माध्यम भी साबित हो सकता है।इस नई तबादला नीति के माध्यम से सरकार ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल सकती है और सरकार के प्रति जनता के विश्वास में वृद्धि हो सकती है।इस नीति का प्रदेश की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव हो सकता है। यह नीति उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यकर्ताओं के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए एक चुनावी मुद्दा भी बन सकती है। इससे सरकार के लिए विश्वास का मामला भी उठ सकता है।
सरकार ने उत्तर प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिक हटाए जाएंगे। पिक एंड चूज की व्यवस्था खत्म होगी। जो ज्यादा पुराना होगा, वह पहले हटेगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में लिए गए कैबिनेट निर्णयों के अनुसार समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होने की अनुमति दी है। इसके अलावा, जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिकों को हटाने का निर्णय भी लिया गया है। इसका मतलब है कि अब समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे। यह नीति उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यकर्ताओं के बीच संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ सरकारी सेवाओं में सुधार लाने का माध्यम भी साबित हो सकता है।
ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया है। इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल सकती है और सरकार के प्रति जनता के विश्वास में वृद्धि हो सकती है। यह नीति का प्रदेश की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव हो सकता है। यह नीति उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्मिकों के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए एक चुनावी मुद्दा भी बन सकती है। इससे सरकार के लिए विश्वास का मामला भी उठ सकता है।
सरकार ने उत्तर प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होने की अनुमति दी है। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिकों को हटाने का निर्णय भी लिया गया है। इसका मतलब है कि अब समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे।