Delhi Assembly में उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भारी हंगामा: आम आदमी पार्टी के विधायकों का विरोध, 22 विधायक निलंबित
Delhi Assembly में आज का सत्र एक अभूतपूर्व हंगामे का साक्षी बना, जब उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध का मुख्य कारण डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीरों को सरकारी कार्यालयों से हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगाने का आरोप था। इस घटना के परिणामस्वरूप, विधानसभा अध्यक्ष ने AAP के सभी 22 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।
विधानसभा सत्र की शुरुआत उपराज्यपाल के अभिभाषण से हुई, लेकिन कुछ ही मिनटों में AAP विधायकों ने ‘डॉ. अंबेडकर की जय’ और ‘संविधान की रक्षा करो’ जैसे नारे लगाना शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकारी कार्यालयों से डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगाई हैं, जो संविधान निर्माता के प्रति अनादर का प्रतीक है।
विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तो उन्होंने सभी 22 AAP विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया। इस निलंबन के बाद, विपक्षी दलों ने भी अपनी असहमति व्यक्त की, जिससे सदन में और अधिक तनावपूर्ण माहौल बन गया।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष, आतिशी ने कहा, “BJP ने सभी कार्यालयों से डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी है। क्या BJP को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डॉ. अंबेडकर से बड़े हैं? जब हमने डॉ. अंबेडकर के नाम के नारे विधानसभा में लगाए, तो हमारे विधायकों को निष्कासित कर दिया गया। लेकिन जब BJP के विधायकों ने मोदी जी के नारे लगाए, तो उन्हें कुछ नहीं कहा गया। इसका मतलब है कि BJP को डॉ. अंबेडकर की तस्वीर और उनके नाम से नफरत है। इस अहंकार का जवाब देश की जनता उन्हें देगी।”
इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में शराब नीति से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ ‘शीशमहल’ के नाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में हुई अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत के लिए 7.61 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, लेकिन अप्रैल 2022 तक यह खर्च बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गया। इससे स्पष्ट होता है कि नवीनीकरण में नियमों की अनदेखी की गई और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
विधानसभा में हुए इस हंगामे और CAG रिपोर्ट के खुलासों ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। AAP और BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिससे आगामी चुनावों में इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है। वहीं, जनता के बीच भी इस मुद्दे पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीतिक दल अपने स्वार्थों के लिए संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर के नाम और तस्वीर का उपयोग कर रहे हैं? साथ ही, सरकारी धन के दुरुपयोग और अनियमितताओं के आरोपों ने प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और भी खुलासे होने की संभावना है, जिससे दिल्ली की राजनीति में और उथल-पुथल मच सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल दिल्ली की राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। विभिन्न राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुद्दे का असर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। वहीं, सामाजिक संगठनों ने भी डॉ. अंबेडकर की तस्वीरों को हटाने के विरोध में आवाज उठाई है और इसे दलित समुदाय के प्रति अपमानजनक करार दिया है।
इस संदर्भ में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में राजनीतिक दल इस मुद्दे को कैसे संभालते हैं और क्या कदम उठाते हैं। साथ ही, जनता की प्रतिक्रिया और आगामी चुनावों में इसका प्रभाव भी देखने लायक होगा।