शून्य अभियान को लेकर NITI AayogNITI Aayog बैठक: इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर जोर
शहरों में मालवाहक वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग की अध्यक्षता में एक मीटिंग हुई। जिसमें माल वितरण से जुड़ी तमाम बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल रहे। दरअसल अभियान ‘शून्य’ से सरकार की मंशा है कि वो देश के शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अभ्यास में लाए।
बुधवार (15 सितंबर) से सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग ने ‘शून्य’ पहल शुरू की, जोकि अगले दो सालों में शहरी क्षेत्र में पूरी तरह से माल वाहक वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में परिवर्तित करेगी। इसको लेकर जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि, ‘शून्य’ अभियान के जरिए शहरी डिलिवरी खंड में लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को तेजी से अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और इससे प्रदूषण के स्तर को शून्य स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी।
इस अभियान को लेकर हुई बैठक में लगभग 30 कंपनियों ने, जिनमें टाटा मोटर्स, ज़ोमैटो, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, अशोक लेलैंड, सन मोबिलिटी, लाइटनिंग लॉजिस्टिक्स, ब्लूडार्ट, हीरो इलेक्ट्रिक, बिग बास्केट, और स्विगी जैसी कंपनियों ने भाग लिया। हालांकि आगे अन्य कंपनियों को भी इस तरह की पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। बता दें कि इस मुद्दे पर हुई बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने की।
उन्होंने कहा कि, मुझे यकीन है कि देश में गतिशील निजी क्षेत्र ‘शून्य’ अभियान को सफल बनाने की चुनौती का सामना करेगा। गौरतलब है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर नीति आयोग की तरफ से अभी अधिक ध्यान शहरों में माल वितरण करने वाले वाहनों और उनसे जुड़ी कंपनियों पर है।
दरअसल NITI Aayog के इस अभियान का आशय ये है कि शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण पर रोक लगाई जाई, जोकि शहरी जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन बेहद उपयोगी माने जा रहे हैं।