Muzaffarnagar – शीत लहर से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त, नहीं हुए धूप के दर्शन
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News)जनपद को शीतलहर ने अपनी चपेट में लिया हुआ है। ठंडी हवा चल रही है और वातावरण में आद्रता ९८ पर पहुंच गई है। सुबह का तापमान ५.६ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कक्षा ९ से १२वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को ठंड में ही स्कूल जाने के लिए मजबूर होना पड रहा है ।
ठंड का मौसम लोगों की परेशानियां बढ़ा रहा है।
कक्षा ९ से १२वीं तक के बच्चों को कॉलेज जाना पड रहा है। समय परिवर्तन के बावजूद छात्र-छात्राओं को राहत नहीं मिली है। बृहस्पतिवार सुबह भी कोहरा छाया रहा। शीत लहर ने काम पर जाने वालों की मुश्किलों में बढ़ोतरी कर दी। ठंडी हवा में ही लोगों को घर से बाहर निकलना पडा। सुबह का तापमान ५.६ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आसमान में कोहरा छाया रहा।
धूप न निकलने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लोगों ने अलाव जलाकर हाथ तापकर हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से राहत हासिल की। छोटे बच्चे घरों में ही दुबके रहे।आज साल का सबसे ठंडा दिन रहा। ठंड ने लोगों की दिक्कत बढ़ाई। अलाव पर हाथ सेंककर लोगों ने राहत ली। शहर पूरी तरह से कोहरे की चादर में ढक गया।
मुजफ्फरनगर में लगातार बढ़ रही ठंड से लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
नए साल में पारे का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। मुजफ्फरनगर में गुरुवार साल का सबसे ठंडा दिन रहा। शीत लहर से लोगों की परेशानियों में बढ़ोतरी हुई। सुबह के समय कोहरा होने के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम रही। हाईवे और शहर की मुख्य सड़कों पर भी वाहन रेंगने के लिए मजबूर हुए।
२०२३ की शुरुआत शीतलहर और कड़ाके की ठंड के साथ हुई है। गुरुवार का दिन साल का सबसे ठंडा दिन रहा।१ जनवरी की बात करें तो उस दिन न्यूनतम तापमान ५.३२ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। जबकि २ जनवरी को ७ डिग्री, ३ जनवरी को ५.२ और ४ जनवरी को तापमान ५.६ डिग्री सेल्सियस रहा था।
पारा नीचे जाने और तापमान में आ रही गिरावट से दमा और सांस के मरीजों की दिक्कत बढ़ गई है। कोहरे के चलते सांस के मरीजों की तकलीफ में इजाफा हुआ है। पूर्व सीएमओ डॉ वीके जौहरी का कहना है कि मौजूदा मौसम में सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने सलाह दी कि घरों में कोयले की अंगीठी आदि जलाने से परहेज करें। धुआं बढ़ने से स्वास्थ संबंधी दिक्कत पैदा हो सकती है।
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। हाड़ कपा देने वाली सर्द ठंड से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। ठण्ड का असर आमजन जीवन को प्रभावित कर रहा है। बाजारों में चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। हाड कप कपाती ठंड के बावजूद मोरना क्षेत्र में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग वर्ग सर्दी से अधिक प्रभावित हो रहा है। दिन प्रतिदिन बढती ठंड से मानव जीवन के साथ-साथ अन्य प्राणियों का जीवन भी अस्त व्यस्त हो रहा है। सुबह से लेकर दोपहर तक आसमान में घने कोहरे की चादर छाई है। ठंड की वजह से खेती किसानी के कामों पर भी असर पड़ा है।
उत्तर भारत में इन दिनों ठंड का सितम जारी है, जहां हाड़ कंपा देने वाली ठंड लगातार पड़ रही है, वहीं शीत लहर जारी रहने से ठंड और बढ़ गई है, जिससे लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। ठंड के चलते ग्राहकों के न आने से कस्बा मोरना व भोपा आदि क्षेत्रों के बाजार भी सुनसान पड़े हैं। इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार लोकेश कुमार ने बताया कि ठंड व शीत लहर के चलते मार्केट में कम ही ग्राहक नजर आ रहे हैं, जिससे दुकानदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही कंप्यूटर संचालक दुकानदार आकाश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वह बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का कार्य करते हैं
लेकिन अत्याधिक ठंड के चलते बच्चे कंप्यूटर सीखने कम ही आ रहे हैं। घने कोहरे के चलते उन्हें भी अपनी दुकान पर आने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। एक तरफ जहां ठंड का प्रकोप जारी है, वहीं प्रशासन मोरना व भोपा क्षेत्र की तरफ से आंख मूंद कर बैठा है। ग्रामीण संजू चौधरी, बिजेंद्र उपाध्याय, बबलू एडवोकेट, राजेंद्र भगत, अमन ठाकुर आदि ने बताया कि प्रशासन की ओर से इस बार अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड के दिनों दिन बढ़ते असर से मानव जीवन सहित अन्य सभी प्राणियों का जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।