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Muzaffarnagar में मिलावटी आइसक्रीम और सड़े फल पर चला प्रशासन का कहर! बड़े पैमाने पर जांच, भारी मात्रा में जब्त फल नष्ट🔥

मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) ।जिले में शुक्रवार को गर्मी के इस तीखे दौर में आमजन की सेहत के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त न करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने पूरे शहर में एक जोरदार सघन जांच अभियान चलाया। यह मुहिम सीधे लखनऊ से खाद्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देश और जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर के आदेश पर शुरू की गई।

खाद्य सुरक्षा अभियान की अगुवाई में कौन-कौन रहा शामिल?

इस सघन जांच की कमान संभाली सहायक आयुक्त (खाद्य) श्रीमती अर्चना धीरान ने, जिनके साथ इस अभियान में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार मिश्र, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुनील कुमार, विशाल चौधरी और मनोज कुमार जैसे अनुभवी अधिकारियों की टीम तैनात रही।

टारगेट पर रहा ‘मैसर्स मान रियल बेस्ट आइसक्रीम’ का प्रतिष्ठान

निरीक्षण अभियान के दौरान टीम ने नया जनकपुरी कॉलोनी में स्थित ‘मैसर्स मान रियल बेस्ट आइसक्रीम’ नामक प्रतिष्ठान पर छापा मारा। यहां से आइसकैंडी घोल और आइसक्रीम के एक-एक नमूने विशेष रूप से संग्रहित किए गए। वहीं, प्रतिष्ठान संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे तत्काल निर्माण में उपयोग हो रहे पानी की गुणवत्ता की जांच कराएं और स्वच्छता व्यवस्था में सुधार लाएं।

बाजार में बिका रहा था ज़हर! 25 किलो सड़े-गले फल जब्त

टीम ने केवल फैक्ट्री ही नहीं, बल्कि शहर के प्रमुख फलों के बाजारों और ठेलों पर भी निरीक्षण किया। इस दौरान लगभग 25 किलोग्राम सड़े-गले और कटे हुए फल पकड़े गए, जिन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। प्रशासन ने यह कदम आम जनता की सेहत को बचाने के लिए उठाया, क्योंकि गर्मियों में कटे फल जल्दी खराब हो जाते हैं और इनमें हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।

गर्मी में बढ़ जाता है मिलावट का खतरा

विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्मी के मौसम में मिलावटखोरों की सक्रियता बढ़ जाती है। आइसक्रीम, आइसकैंडी, ठंडे पेय और कटे फल-फ्रूट जैसे खाद्य पदार्थ मिलावट के प्रमुख शिकार बनते हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग की यह कार्यवाही न केवल समय पर है, बल्कि इससे स्वास्थ्य संकट से बचाव भी सुनिश्चित होता है।

सैंपल जाएंगे लखनऊ, रिपोर्ट के बाद होगी कानूनी कार्रवाई

जांच के दौरान लिए गए आइसक्रीम और आइसकैंडी घोल के नमूनों को अब खाद्य प्रयोगशाला, लखनऊ भेजा गया है। यहां पर उनके परीक्षण के बाद जो भी रिपोर्ट सामने आएगी, उसके आधार पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बाजार में गंदगी और बर्फ की खुलेआम बिक्री पर सवाल

बाजारों में खुले में रखी गई बर्फ की सिल्ली, गंदे हाथों से आइसकैंडी बनाना, साफ-सफाई का घोर अभाव जैसे दृश्य जांच टीम के सामने बार-बार सामने आए। इससे यह साफ हो गया है कि प्रशासन को अपनी निगरानी और भी तेज करनी होगी।

लोगों को खुद भी सतर्क रहना होगा

जिलाधिकारी ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर खुद भी नजर रखें। किसी भी संदेहजनक खाद्य पदार्थ, रंग-बिरंगे पेयों, या सड़े फलों की जानकारी तत्काल प्रशासन को दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

पूर्व में भी हुई हैं इस तरह की कार्रवाइयां

यह पहला मौका नहीं है जब मुजफ्फरनगर में खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने इतनी सक्रियता दिखाई है। पिछले वर्ष भी गर्मी के मौसम में कई डेयरियों, मिठाई की दुकानों और बर्फ फैक्ट्रियों पर छापे मारे गए थे। इनमें कई प्रतिष्ठानों पर भारी जुर्माना भी लगाया गया था और कुछ पर एफआईआर तक दर्ज की गई थी।

स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को नहीं मिलेगी राहत

खाद्य सुरक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति या प्रतिष्ठान को बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले दिनों में भी इसी तरह के छापेमारी अभियान चलते रहेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जनता बोले- ‘अब तो प्रशासन ने दिखाई असली सख्ती!’

शहरवासियों ने इस सघन अभियान की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक सतीश शर्मा ने कहा, “आम दिनों में बच्चे आइसकैंडी खाते हैं, लेकिन हमें नहीं पता होता कि वह कितनी साफ-सुथरी है। अब प्रशासन ने सही समय पर सही कदम उठाया है।”

आगे क्या है प्लान? जारी रहेगा छापेमारी का सिलसिला

सहायक आयुक्त श्रीमती अर्चना धीरान ने जानकारी दी है कि विभाग ने आने वाले सप्ताहों के लिए विशेष योजना बनाई है। इसमें आइसक्रीम उत्पादन यूनिट्स, मिठाई की दुकानों, रेस्टोरेंट्स और फलों की मंडियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

 

मुजफ्फरनगर में खाद्य सुरक्षा विभाग की इस चौकसी और तत्परता ने साबित कर दिया है कि अब खाद्य मिलावटखोरों के लिए कोई जगह नहीं बची है। आने वाले समय में ऐसे ही कदम उठते रहे, तो शहरवासियों को स्वच्छ, सुरक्षित और मिलावटमुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकेंगे। प्रशासन की इस मुहिम को समर्थन देना हम सभी की जिम्मेदारी है।

 

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