Muzaffarnagar: अति पिछड़ा वर्ग की एकजुटता ने रचा इतिहास: मिथलेश पाल की धमाकेदार जीत ने राजनीति में मचाई हलचल
Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अति पिछड़ा वर्ग (OBC) ने अपनी जबरदस्त ताकत का प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। हाल ही में हुए उपचुनाव में लोकदल की प्रत्याशी मिथलेश पाल की बड़ी जीत ने राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। इस अभूतपूर्व जीत का श्रेय भारतीय अति पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन प्रजापति ने OBC की एकजुटता को दिया।
अति पिछड़े वर्ग की लामबंदी का असर
मोहन प्रजापति ने बताया कि इस जीत के पीछे लंबे समय से OBC वर्ग की मांगों और अधिकारों के लिए चल रहे संघर्ष का बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने इस बात को सुनिश्चित किया कि टिकट एक अति पिछड़ा वर्ग की महिला को ही मिले। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चौधरी जयंत सिंह ने इस मांग को समझते हुए मिथलेश पाल को मौका दिया।
ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी मेहनत
चुनाव प्रचार में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार की भूमिका भी बेहद अहम रही। उन्होंने 100 से अधिक गांवों में जाकर डोर-टू-डोर प्रचार किया और OBC वर्ग के साथ-साथ सर्व समाज को जोड़ने का काम किया। इस रणनीति ने न केवल मिथलेश पाल की जीत सुनिश्चित की, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार किया। चुनावी नतीजों के बाद, मोहन प्रजापति ने मंत्री अनिल कुमार को माला पहनाकर सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना की।
महिला नेतृत्व और OBC वर्ग का भविष्य
मिथलेश पाल की जीत सिर्फ एक चुनावी परिणाम नहीं है; यह OBC वर्ग के राजनीतिक भविष्य की नई इबारत लिखने जैसा है। मोहन प्रजापति ने इस जीत को महिलाओं के सशक्तिकरण और OBC वर्ग की पहचान के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों में संगठन OBC वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर रणनीति बनाएगा।
आगामी रणनीति: 2027 पर नजर
मोहन प्रजापति ने घोषणा की कि संगठन अब सदर, खतौली, चरथावल, बुढ़ाना, और पुरकाजी जैसे क्षेत्रों में मजबूती से पैर जमाने की तैयारी करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि OBC वर्ग को अधिक से अधिक विधायकों के रूप में विधानसभा में भेजने के लिए आंदोलन और संघर्ष तेज किया जाएगा।
सर्व समाज का योगदान भी अहम
इस जीत में OBC वर्ग के अलावा सर्व समाज का भी योगदान महत्वपूर्ण रहा। प्रजापति ने कहा कि यह एक सामूहिक जीत है, जिसमें सभी समुदायों ने मिलकर मिथलेश पाल का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “हमारी ताकत एकता में है। यदि हम इसी तरह संगठित रहेंगे, तो आने वाले चुनावों में OBC वर्ग और भी बड़ी भूमिका निभाएगा।”
जयंत सिंह का आभार
प्रजापति ने विशेष रूप से चौधरी जयंत सिंह का धन्यवाद किया, जिन्होंने न केवल OBC वर्ग की आवाज को सुना, बल्कि उसे राजनीति में सशक्त बनाने का काम किया। जयंत सिंह की यह पहल क्षेत्रीय राजनीति में एक बड़ी मिसाल बन गई है।
OBC वर्ग के लिए नई उम्मीदें
मिथलेश पाल की इस जीत ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है, बल्कि अति पिछड़ा वर्ग के लिए नई उम्मीदें भी जगाई हैं। इस जीत से यह साबित हुआ है कि जब OBC वर्ग संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ा होता है, तो वह राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की ताकत रखता है।
मिथलेश पाल की जीत ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में OBC वर्ग के लिए एक नई दिशा तय की है। यह चुनावी नतीजा सिर्फ एक सफलता नहीं, बल्कि आने वाले समय में OBC वर्ग के बढ़ते प्रभाव का संकेत है।