Muzaffarnagar News: श्री राम के बाल लीला का वर्णन- श्रद्धालु हुए भाव विभोर
मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) वरिष्ठ उद्योगपति एवं समाजसेवी भीमसेन कंसल परिवार की ओर से आयोजित श्री राम कथा में परम पूज्य विजय कौशल जी महाराज ने आज की कथा में मुख्य रूप से श्री राम के बाल लीला का वर्णन किया। महाराज श्री ने कहा कि बुर विचरो से बचने का एकमात्र साधन तुरंत आसन बदलना है।
आसन बदलने से अभिप्राय है यदि मन में अशुभ विचार आते समय आप लेटे हैं और बुरे विचार आ रहे हैं तो बैठ जाएं, बैठे हैं तो खड़े हो जाएं, खड़े हैं तो लेट जाएं, मन में आऐ विचारों के साथ शरीर को न जाने दे, यदि शरीर दुर्गुणों की और चला गया तो फिर कभी सम्लभने का मौका नहीं मिलेगा।
महाराज श्री आज गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के उद्दार की कथा के प्रसंग के साथ-साथ गुरु और माता की महिमा कभी विस्तार से वर्णन किया, महाराज श्री ने कहा कि बिना गुरु के परमात्मा तक पहुंचना असंभव है जब छोटी छोटी सी उपाधियां लेने के लिए हमें विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता होती है तो भगवान का साक्षात्कार करने के लिए गुरु परम आवश्यक है गुरु के दोष पर ध्यान नहीं देना चाहिए, हमारा उद्दार कैसे होगा इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है
गुरु की महिमा अपरम-पार है गुरु की ने मृत्यु होती है और न ही जन्म गुरु जन्म-जन्म से साथ रहते हैं, ऐसे अनेक उदाहरण है जैसे विवेकानंद-और पूज्य रामकृष्ण परमहंस कहते हैं कि जब विवेकानंद शिकागो गए और प्रवचन कर रहे थे उस समय फोटो में उनके गुरु की प्रतिमा उनके पीछे दिखाई दी जबकि बहुत वर्ष पहले सांसारिक रूप से रामकृष्ण परमहंस नहीं थे
जीवन में माता के स्वरूप की विशेष चर्चा करते हुए महाराज श्री ने कहा कि आप की व्यवस्थाओं में यह ठीक हो सकता है कि आप माता को समय नहीं दे पा रहे हो परंतु आपके व्यवहार, वाणी व मुख से माता का हृदय कभी भी दुख में नहीं होना चाहिए आपको जीवन में असीमित उन्नति करनी है तो माता का आशीर्वाद सदैव चाहिए,श्री राम का विवाह प्रसंग में बड़ा मार्मिक रूप से श्रवण कराया।
विवाह प्रसंग को धनुष यज्ञ का नाम दिया। आज मुख्य रूप से हनुमंत धाम संचालक एवं महामंडलेश्वर केशवानंद सरस्वती जी महाराज,महामंडलेश्वर संजीव शंकर, अनिल कंसल, भीमसेन कंसल,राकेश बिंदल, नगर पालिका अध्यक्ष अंजु अग्रवाल, मनमोहन जैन,सुरेंद्र अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, शंकर स्वरूप बंसल, होती लाल शर्मा एड० आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।