आर-पार की लड़ाई! किसानों की हुंकार से गूंजा Muzaffarnagar, बोले राकेश टिकैत – अब बिना धरना सरकार नहीं मानेगी! 🚜
Muzaffarnagar। किसानों के अधिकारों और उनकी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अब सरकार बिना धरना प्रदर्शन के नहीं मानेगी। किसानों का शोषण किया जा रहा है, उनके कर्ज माफ करने के बजाय उन्हें और अधिक ऋण के बोझ तले दबाया जा रहा है।
🌾 गन्ना किसानों के लिए गहराता संकट, सरकार अब तक बेखबर!
गन्ना सत्र समाप्ति की कगार पर है, लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित नहीं किया। टिकैत ने कहा कि किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जबकि उद्योगपतियों को सरकार पूरी छूट दे रही है। ऐसे में अब किसानों को आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी।
🛑 दिल्ली बॉर्डर जैसा धरना प्रदर्शन फिर होगा!
Muzaffarnagar के कूकड़ा नवीन मंडी स्थल में आयोजित किसान महापंचायत में हजारों किसानों की भीड़ उमड़ी। मंच से बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि बिना दबाव के सरकार कुछ नहीं देने वाली। इसलिए अब दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर जैसा धरना फिर से देना होगा। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को ज्ञापन सौंपने के बजाय प्रत्यक्ष प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा जाएगा।
🚨 टिकैत की चेतावनी:
“अगर सरकार ने हमारी मांगों को तुरंत नहीं माना, तो किसान फिर से दिल्ली में डेरा डालेंगे। इस बार आंदोलन पहले से भी बड़ा होगा!”
🚜 किसानों की बड़ी मांगें, सरकार से दो-टूक सवाल!
किसान नेता टिकैत और भाकियू के राष्ट्रीय सचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने मंच से सरकार के खिलाफ खुलकर हमला बोला।
📌 किसानों की प्रमुख मांगें:
1️⃣ गन्ने का भुगतान तुरंत किया जाए और न्यूनतम मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल तय हो।
2️⃣ किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए।
3️⃣ MSP कानून की गारंटी दी जाए और C2+50 फार्मूला लागू किया जाए।
4️⃣ कृषि यंत्रों को NGT प्रतिबंध से बाहर किया जाए।
5️⃣ खाद, बीज, और कृषि यंत्रों से GST हटाई जाए।
6️⃣ बिजली का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।
7️⃣ सरकार विदेशी ताकतों के साथ मिलकर बीजों के जीन बदल रही है, इसे रोका जाए।
8️⃣ किसानों की जमीन का अधिग्रहण उचित मुआवजे के बिना न किया जाए।
🔥 यूपी, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में विशाल किसान पंचायतें
राकेश टिकैत ने साफ कहा कि फरवरी के महीने में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 10 बड़ी किसान पंचायतें होंगी। इसके बाद हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में भी किसान जुटेंगे और आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
“अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती, तो दिल्ली में फिर लाखों किसानों का जमावड़ा होगा। इस बार आर-पार की लड़ाई होगी!” – राकेश टिकैत
💥 किसानों को उकसा रही सरकार, बैंक कर रहे जमीन कब्जाने की तैयारी!
टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को कर्ज के जाल में फंसा रही है। बैंकों के माध्यम से किसानों को ऋण दिया जा रहा है, लेकिन जब फसलों के सही दाम नहीं मिल रहे, तो किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं। इससे बैंक रिकवरी नोटिस भेजकर किसानों की जमीनें हड़पने की फिराक में हैं।
“जब उद्योगपतियों का हजारों करोड़ का कर्ज माफ हो सकता है, तो किसानों का क्यों नहीं?”
🔥 अब सड़क पर होगा बड़ा संघर्ष – किसानों का ऐलान!
किसान नेता रतनलाल ने कहा कि अब किसान चुप बैठने वाला नहीं है। किसान मजदूर पार्टी के चौधरी नरेंद्र सिंह ने भी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो जगह-जगह आंदोलन होगा। किसान पंचायतों से निकलकर सड़कों पर उतरेंगे और सरकार को झुकने पर मजबूर करेंगे।
👥 महापंचायत में हजारों किसानों की गरज, नेताओं की हुंकार!
इस ऐतिहासिक महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने किसानों को एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “आपकी एकजुटता से ही पंचायत सफल होती है।”
महापंचायत में प्रदेश सचिव योगेश शर्मा, जिलाध्यक्ष नवीन राठी, मंडल महासचिव मनीष अहलावत, भाकियू नेता हनी बालियान, सदर ब्लॉक उपाध्यक्ष हैप्पी बालियान, युवा भाकियू नेता अमित बंटी किनौनी, मंडल उपाध्यक्ष सहारनपुर अंकित राठी सहित कई पदाधिकारी और हजारों किसान मौजूद रहे।
यह किसान महापंचायत सिर्फ एक सभा नहीं थी, बल्कि यह सरकार के लिए एक बड़ी चेतावनी थी। अब अगर सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी, तो यह आंदोलन पूरे देश में फैल सकता है। अगले कुछ महीने किसान राजनीति के लिए बेहद अहम होने वाले हैं।
👉 क्या सरकार टिकैत की इस चेतावनी को गंभीरता से लेगी? या फिर किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे? कमेंट में अपनी राय जरूर दें! 🔥🚜