Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने समस्याओं से कराया अवगत
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News)उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने एक ज्ञापन केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के नाम सौंपा। जिसमें उनहोंने मांग की कि एशिया प्रसिद्ध गुडमंडी आदर्श रूप में व्यापार करने के लिये प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल पिछले कई वर्षों से व्यापार जगत की उन्नत अर्थव्यवस्था के लिए आधार में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों को वित्तमंत्री के समक्षा बजट पूर्व उठाता रहा है
लेकिन इनमें से कई व्यवहारिक कठिनाईया अभी शेष है जो निम्न प्रकार है आवश्यक है कि टैक्स स्लैब की दरे कम की जाये दूसरे बढ़ती महंगाई के दौर में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर ८,००,०००- किया जाना आवश्यक है। सरकार के आरक्षण नियम के अनुसार ८,००,०००- तक की आमदनी वाले क्रिमीलेयर में नहीं आते हैं
अतः उनसे आयकर लिया जाना उचित नहीं। स्कूटनी के नाम पर व्यापारियों का भारी आर्थिक व मानसिक शोषण होता रहा है अतः आयकर के सभी मामले में स्कूटनी की प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी एवं व्यवहारिक होनी चाहिए तथा स्कूटनी की प्रक्रिया १ वर्ष के अन्दर अन्दर हर हाल में एवं छापे के बाद की प्रक्रिया को २ वर्ष के भीतर पूर्ण करने का नियम बनाया जाये।
बढ़ती महंगाई के दौर में नकद लेनदेन की पुरानी १०,०००- की सीमा को ५०,००० किया जाये। एयर एनवल इनवेस्टमेंट रिटर्न सूचना जिस सरकारी विभाग को भी देनी है यह सुनिश्चित किया जाये वह सही सूचना दें। ऐसे में गलत सूचना देने पर उस विभाग की भी जवाबदेही है अतः गलत सूचना देने पर उसे दण्डित किया जाये।
बैंक मुद्रा लोन आसानी से नहीं दे रहे हैं इसमें बहुत व्यवहारिक कठिनाईयों है। बैंक लोन देने में तरह-तरह की आपत्ति लगाते हैं और मुद्रा लोन लेने में समय भी बहुत लगता है। उसका सरलीकरण होना चाहिए। . टोल टैक्स एवं कामर्शियल एवं औद्योगिक विद्युत दरे पूरे देश में एक समान नियम से लागू की जाये।
राष्ट्रीकृत बैंकों में जमा सम्पूर्ण धनराशि की पूरी गारन्टी हो व प्राईवेट बैंक के जमा धनराशि की गारन्टी १५,००,०००- हो। रियल स्टेट को बढावा देने के लिए कैपिटल गेन की दरे कम हो ताकि भू सम्पत्तियों का अधिक से अधिक लेनदेन हो सके जिससे अधिक लेनदेन होने के कारण सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकें।
प्रत्येक व्यापारियों को पेंशन की सम्मानजनक व्यवस्था हो क्योंकि वर्तमान व्यवस्था सर्वग्राही व सम्मानजनक नहीं है। जीएसटी में जब क्रेता जीएसटी के रजिस्टर्ड व्यापारी से माल खरीदता है क्रेता की जिम्मेदारी विक्रेता के रिर्टन भरने की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए।
विक्रेता द्वारा देरी से जीएसटी रिटर्न भरने से या ना भरनेपर क्रेता व्यापारी का उत्पीड़न समाप्त किया जाये। क्रेता व्यापारी को उसके अपने रिटर्न के अनुसार टैक्स लाभ दिया जाये। टैक्स दरे बढ़ने से भ्रष्टाचार व महगाई बढ़ने की सम्भावना बनी जाती है। प्राचीनकाल के महानतम राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य व महानतम अर्थशास्त्री महात्मा कोटिल्य ने भी कर की दरों का अधिक होना गलत बताया है
कपड़े पर बढ़ने से टाली गई जीएसटी दरेव फुटवेयर इंटो पर बढ़ाई गयी जीएसटी दरो को पूर्णरूप से वापस लिया जाये। जीएसटी दरे व फुटवेयर व जीएसटी दरों को पूर्ण रूप से वापस लिया जाये आदि समस्याओं को रखा।
इस दौरान अमित मित्तल, राकेश गर्ग, सुनील तायल, सुलक्खन सिंह बाबूराम मलिक, दिनेश बंसल, अजय गुप्ता, संजय मित्तल, हर्षवर्धन बंसल, पंकज अपवेजा, मनोज गुप्ता, अनिल नामदेव, अशोक छावडा, संजीव गोयल, विक्की चावला विकास अग्रवाल, दीपक गोयल, कशिश गोयल, अलका शर्मा, अनिल तायल, नीरज गौतम, रोशनी विश्वकर्मा, शोभित सिंघल, ईश जुनेजा, शोभित गुप्ता आदि मौजूद रहे।