मुज़फ़्फ़रनगरः पीस लाइब्रेरी ध्वस्तीकरण मामले में अंजू अग्रवाल के खिलाफ परिवाद दर्ज करने के आदेश
मुज़फ़्फ़रनगर। पीस लाइब्रेरी ध्वस्तीकरण मामले में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने परिवाद दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि नगर पालिका बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर पीस लाइब्रेरी को सात अक्टूबर 2020 को जेसीबी से ढहाया गया था। पीस लाइब्रेरी के सचिव सुशील कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रविकांत यादव की कोर्ट में अपने अधिवक्ता ओमकार सिंह तोमर के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया था।
लाइब्रेरी सचिव का आरोप है कि 1920 से स्थापित पीस लाइब्रेरी को पालिका अध्यक्ष ने झूठा नोटिस पट्टा निरस्तीकरण व बेदखली देकर ढा दिया है, जिसका दीवानी वाद कोर्ट में चल रहा है।
लाइब्रेरी सचिव सुशील कुमार का आरोप है कि सात अक्टूबर 2020 को पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के आदेश पर नगरपालिका कर्मचारी रामेश्वर प्रसाद तथा अविनाश आदि ने जेसीबी से पीस लाइब्रेरी का भवन ढहा दिया था।
लाइब्रेरी की अलमारियों में रखी दुर्लभ किताबों के साथ भवन तोड़ा गया और सामान भी नष्ट कर दिया था, जिससे करीब 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ। वहीं ध्वस्तिकरण रोकने पर उनके साथ अभद्रता भी की गई और जान से मारने की धमकी दी गई।
अधिवक्ता ओमकार सिंह तोमर ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रविकांत यादव ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए मामले परिवाद के रूप में दर्ज किए जाने का आदेश जारी हुआ है।
सीजेएम रविकांत यादव ने मामले की सुनवाई एसीजेएम कोर्ट दो में स्थानांतरित कर दी और उन्होंने आईपीसी की धारा 200 के तहत प्रतिवादी को बयान के लिए 29 जनवरी को कोर्ट में बुलाया है।
आपको बता दें कि पीस लाइब्रेरी ध्वस्तीकरण तथा गाली गलौज मामले की शिकायत लाइब्रेरी सचिव सुशील कुमार ने एसएसपी को भी दी थी। लाइब्रेरी सचिव के प्रार्थना पत्र पर मामले की जांच आबकारी चौकी इंचार्ज नीरज यादव को सौंपी गई है।