वैश्विक

नई आफत: Corona के बीच चीन में पैदा हुआ नया वायरस चीन में पैदा हुई खतरनाक Monkey B Virus की एंट्री

Monkey B Virus (BV) बंदर से निकला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये वायरस बेहद घातक है. इससे संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है. यानि, अगर 100 लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं तो करीब 70 से 80 लोगों की मौत हो सकती है. इस लिहाज से कोरोना के बीच ही इस वायरस से निपटना चीन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है. 

 

इस वायरस को G4 EA H1N1 नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं को डर सता रहा है कि यह वायरस और ज्‍यादा म्‍यूटेट होकर आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। दुनिया के लिए चिंताजनक खबर यह है कि इंफ्लुएंजा की यह नई नस्‍ल उन शीर्ष बीमारियों में शामिल है जिस पर विशेषज्ञ अपनी नजर बनाए हुए हैं। वह भी तब जब दुनिया कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए जूझ रही है।

 

चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक राजधानी बीजिंग स्थिति एक पशु चिकित्सक में बंदर से निकले वायरस Monkey B Virus (BV) की पुष्टि की गई. इलाज के दौरान पशु चिकित्सक ने दम तोड़ दिया है. हालांकि  चीन की सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि डॉक्टर के संपर्क में आने वाले सभी लोग ठीक हैं.चीन भले ही डॉक्टर के संपर्क में आने वाले अन्य सभी लोगों के ठीक होने का दावा कर रहा है

G4 EA H1N1 वायरस पूरी दुनिया में महामारी का खतरा उत्‍पन्‍न कर सकता है। चीनी वैज्ञानिकों ने बताया कि इस फ्लू वायरस में वे सभी लक्षण मौजूद हैं जिससे यह इंसानों को संक्रमित कर सकता है। इस वायरस की करीब से निगरानी की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि चूंकि यह वायरस नया है, इसलिए लोगों में या तो बहुत कम रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी या होगी ही नहीं।

लेकिन सवाल ये उठता है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) पर दुनिया को गुमराह करने वाले चीन की बातों पर यकीन कैसे किया जाए? कहीं चीन अभी भी कोरोना की तरह Monkey B Virus (BV) वायरस के खतरे की सच्चाई दुनिया से छिपा नहीं रहा.रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर की मौत 27 मई को हो गई थी. लेकिन अब चक चीन इसे छिपाये रहा.

इस नए वायरस G4 EA H1N1 के अंदर अपनी कोशिकाओं को कई गुना बढ़ाने की क्षमता है। वैज्ञानिकों को चीन के अधिकारियों से बात करनी पड़ी है। फ्लू की वर्तमान वैक्‍सीन इस वायरस के खिलाफ रक्षा करने में सक्षम नहीं है। प्रफेसर किन चो चांग ने कहा कि हम अभी कोरोना संकट में घिरे हुए हैं। लेकिन हम अभी संभावित खतरनाक वायरसों पर से अपनी नजर हटाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।

सवाल यह भी उठता है कि चीन ने इतनों दिनों बात डॉक्टर की मौत की पुष्टि क्यों की. कोरोना के बाद विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहे चीन को इस बार शक की नजरों से देखा जाना स्वाभाविक है..ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के शुरुआती दिनों में डॉक्टर की तबीयत बिगड़ गई थी और उसे उल्टियां आनी शुरू हो गई थीं. इससे पहले लगातार उसका जी मिचला रहा था.

फिलहाल डॉक्टर को हुई दिक्कत के आधार पर यही लक्षण सामने आए हैं. इस वायरस को सबसे पहले 1932 में पहचाना गया था और ये एक तरह का जीनस मैकाका के मैकाक्स में एक अल्फाहर्पीसवायरस एनजूटिक है. ये भी कोरोना वायरस की तरह ही संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है और इंसान से इंसान में भी फैलता है.

News Desk

निष्पक्ष NEWS.जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 15094 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

19 + twenty =