Muzaffarnagar में प्रदूषण से बढ़ी समस्याएं, प्रशासन की सख्ती, सील हुए कई प्लांट्स
Muzaffarnagar में प्रदूषण के कारण लोगों की सांसें थमने लगी हैं, प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए एक के बाद एक कई फैक्ट्रियों और प्लांट्स को सील करना शुरू कर दिया है।
Muzaffarnagar में बढ़ते प्रदूषण की समस्या ने जिले के प्रशासन को गंभीर स्थिति में डाल दिया है। यह समस्या इस हद तक बढ़ चुकी है कि न सिर्फ आम लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि बच्चों और जानवरों के लिए भी हालात चिंताजनक हो गए हैं। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई जिले के सिखेड़ा थाना क्षेत्र के जौली रोड स्थित रोडी मिक्सर प्लांट से शुरू की गई, जहां से अत्यधिक प्रदूषण फैल रहा था।
प्रदूषण के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे लोग
रोडी मिक्सर प्लांट के पास रहने वाले स्थानीय निवासी सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे थे और उनकी आंखों में जलन हो रही थी। इस प्रदूषण के कारण वहां के निवासी खासकर बच्चे और बुजुर्गों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसके अलावा, एक मुर्गी फार्म के 2,000 चूजे भी प्रदूषण के कारण मारे गए, जो प्रदूषण का खतरनाक असर साबित कर रहा था।
डीएम ने लिया संज्ञान, सीलिंग अभियान की शुरुआत
जिला अधिकारी उमेश मिश्रा ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रदूषण अधिकारी अंकित कुमार की अगुवाई में रोडी मिक्सर प्लांट के अलावा कई हॉट मिक्स प्लांट और टायर फैक्ट्रियों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। इन इकाइयों के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन न किए जाने के कारण यह कदम उठाया गया। प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि प्रदूषण फैलाने वाली किसी भी इकाई को बख्शा नहीं जाएगा।
स्कूलों की बंदी की घोषणा
मुजफ्फरनगर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक और सख्त कदम उठाया। कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों को अग्रिम आदेश तक बंद करने की घोषणा कर दी गई है। यह कदम वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 300 के आसपास पहुंचने और प्रदूषण के खतरे को देखते हुए उठाया गया है। हालांकि, यह आंकड़ा अन्य एनसीआर क्षेत्रों जैसे मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और हापुड़ के मुकाबले बेहतर है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।
एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ता खतरा
एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने 18 नवंबर को सभी संबंधित विभागों को सख्त निर्देश जारी किए थे। डीएम उमेश मिश्रा ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों ने एनसीआर क्षेत्र में वॉटर स्प्रिंकलिंग, निर्माण कार्यों पर रोक और ऑटोमेटिक मशीनों को बंद करने जैसे उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू किया है।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
डीएम ने सभी उद्योग संचालकों को चेतावनी दी है कि यदि वे प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें इंडस्ट्रियल एरिया में लगातार निरीक्षण कर रही हैं, और अवैध निर्माण या प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को तुरंत सील किया जा रहा है। प्रशासन ने कहा है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं हो जाता।
जिला प्रशासन ने जनता से की अपील
प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में जिला प्रशासन ने जनता से भी सहयोग की अपील की है। अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि यदि वे किसी अवैध निर्माण या प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का सामना करें, तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें। यह कदम प्रदूषण के स्तर को कम करने और लोगों की सेहत को बचाने के लिए बेहद जरूरी है।
Muzaffarnagar में प्रदूषण की समस्या ने प्रशासन के लिए कई चुनौतियां पेश की हैं, लेकिन सख्त कदम उठाकर इस पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जा रही है। इस स्थिति में अगर सभी नागरिक मिलकर प्रशासन का सहयोग करें और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की सूचना दें, तो जल्द ही इस संकट से निपटा जा सकता है। प्रशासन का संदेश स्पष्ट है: प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कोई भी दया नहीं दिखायी जाएगी।