नावला: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन ठप- कोरोना की दूसरी डोज को तरसे जनसाधारण
6 गांव की पंचायत स्थल नावला में स्थित 30 बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के संचालन को लगभग बंद कर मात्र शो पीस बना दिया गया है, ग्रामीणों का आरोप है कि जब से नए सी0एम0ओ0 आये हैं तब से पी0एच0सी0 पर तैनात स्टॉफ वँहा से गायब ही रहता है क्योंकि डॉक्टर के अभाव में ना ही वहा दवा है और ना ही दवा वितरण हो पा रहा है।मरीजों की भरती का तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
आस पास के 6 गांवों की लगभग 30,000 की आबादी की सुविधा के लिए काफी समय पहले स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई थी, केन्द्र पर बाकायदा स्टाफ नियुक्त हुआ था प्रतिदिन 200-300 मरीजों की जांच और दवा वितरण उपलब्ध रजिस्टर बता सकते है लेकिन डॉक्टर फौजदार के आते ही इस केन्द्र की उपेक्षा शुरू हुईं।
केन्द्र पर इंचार्ज तक नहीं-मुख्य चिकित्सधिकारी बात तो क्या फोन तक नहीं उठाते
अब तो मात्र जिलाधिकारी महोदया से ही आशा है कि वो अपने स्तर से इस प्रकरण को देख उचित कार्यवाही कर सरकारी सम्पत्ति को खंडहर नहीं बन ने देंगी।ग्रामवासियों का ये भी आरोप है कि गांव में स्थित डॉक्टरों से सांठ गांठ के चलते इस सरकारी अस्पताल को ठप किया गया है।
कोरोना महामारी के चलते कोरोना टीकाकरण भी चलाया गया था, ग्रामवासियों को वैक्सिनेशन की पहली डोज़ भी लग गई थी, लेकिन दूसरी डोज के लिए ग्रामवासी इधर उधर भटक रहे है क्योंकि अब केन्द्र को टीकाकरण सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है और केन्द्र मात्र शो पीस बन कर रह गया है।
जब सरकार की तरफ से सुविधा उपलब्ध हैं तो ग्रामवासी खतौली या मुजफ्फरनगर क्यों जाए?इसके अलावा यहाँ आपातकालीन स्थिति के लिए इमरजेंसी सेवा भी नहीं हैं जब डॉक्टर व प्रशिक्षत स्टाफ ही नहीं है तो सेवा कहा पर व कैसे होगी???
ग्रामीणों की शिकायत पर लगभग एक माह पूर्व जिलाधिकारी श्रीमती सेल्वा कुमारी जे0 ने भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नावला का निरीक्षण किया था लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।