कृषि कानूनों का विरोधः फिर से मजबूत होगा किसान आंदोलन, बनाया नया प्लान, ये रहेगा फॉर्मूला
मुजफ्फरनगर। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ाने के लिए नई रणनीति बनाई गई है। टोल प्लाजा पर शुरू हुए धरने के बाद अब गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। एक ब्लाक से एक ट्रैक्टर और 10 किसानों को एक सप्ताह तक बॉर्डर पर बुलाया जाएगा।
तीन दिन बाद किसानों की संख्या गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचनी शुरू हो जाएगी। पश्चिमी यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान पिछले छह महीने से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। चुनाव, कोरोना संक्रमण और गेहूं व गन्ना कटाई के चलते पिछले तीन महीने से किसानों की आवाजाही प्रभावित हुई थी।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जहां किसान टोल प्लाजा पर धरना देकर बैठ गए हैं, वहीं रविवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने संगठन की मंडलीय समीक्षा बैठक गाजीपुर बॉर्डर पर ही ली। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा पर चल रहे धरने के साथ ही अब बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या बढ़ानी जरूरी है।
किसानों का फसल का अधिकतर काम पूरा हो चुका है। उन्होंने प्रत्येक जिले के प्रत्येक ब्लाक से एक ट्रैक्टर और उसमें 10 किसानों का फॉर्मूला तय किया है।
जिस जनपद में जितने ब्लाक है, उतने ही ट्रैक्टर और उनमें 10-10 किसान बॉर्डर पहुंचेंगे। एक बार पहुंचे किसान यहां पर सात दिन रहेंगे। इसके बाद दूसरा जत्था इनकी जगह लेगा। इसी तरह किसान गाजीपुर बॉर्डर आते-जाते रहेंगे।
इससे किसान अपनी फसल की देखभाल भी करते रहेंगे और आंदोलन का हिस्सा भी बनते रहेंगे। समीक्षा बैठक में मेरठ मंडल उपाध्यक्ष रवींद्र दौरालिया, गजेंद्र दबथुआ, जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी, जिला प्रवक्ता बबलू जिटौली, राजकुमार करनावल, जवाहर सिंह जिटौली और सत्यवीर जंगेठी मौजूद रहे।