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पाकिस्तान के फील्ड मार्शल Asim Munir की भारत को परमाणु युद्ध की धमकी, सिंधु जल संधि स्थगित करने पर 10 मिसाइलों से तबाही की चेतावनी

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल Asim Munir ने हाल ही में भारत के खिलाफ परमाणु युद्ध की धमकी देते हुए एक बार फिर तनाव को बढ़ा दिया है। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, मुनीर ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने को लेकर भारत को चेताया कि अगर भारत इस फैसले पर कायम रहा तो पाकिस्तान 10 मिसाइलों से हमला कर पूरे भारत को तबाह कर देगा।


सिंधु जल संधि स्थगन और भू-राजनीतिक तनाव

असीम मुनीर ने कहा, “भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने से 25 करोड़ लोगों के लिए भुखमरी और जल संकट जैसी आपदाएं आ सकती हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु संपन्न राष्ट्र है और अगर किसी स्थिति में ऐसा लगे कि पाकिस्तान डूब रहा है, तो वह पूरी दुनिया के आधे हिस्से को अपने साथ लेकर डूब जाएगा।

यह धमकी उन्होंने टाम्पा के ग्रैंड हयात होटल में पाकिस्तान मूल के कारोबारी अदनान असद द्वारा आयोजित डिनर कार्यक्रम में दी, जिसमें लगभग 120 पाकिस्तानी डायस्पोरा के सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम में मोबाइल और डिजिटल उपकरणों की अनुमति नहीं थी, इसलिए भाषण का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। यह जानकारी वहां मौजूद स्रोतों से द प्रिंट ने प्राप्त की है।


असीम मुनीर का भारत पर तंज और तुलना

मुनीर ने मई में हुए चार दिन के युद्ध को लेकर भारत को कटु टिप्पणी की और कहा कि भारत को अपने नुकसान को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भारत अपना नुकसान बताएगा तो पाकिस्तान भी अपनी हानि बताने को तैयार है।

मुनीर ने भारत को “चमकती मर्सिडीज़” और पाकिस्तान को “रेत से भरा डंप ट्रक” बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह ट्रक मर्सिडीज़ से टकराएगा तो नुकसान किसका होगा? साथ ही उन्होंने कहा, “हम भारत के पूर्वी हिस्से से शुरुआत करेंगे जहां उनके कीमती संसाधन हैं, फिर पश्चिम की ओर बढ़ेंगे।”


असीम मुनीर की अमेरिका यात्राएं और अमेरिकी संबंध

यह पाकिस्तान के सेना प्रमुख की दो महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा है। वे फ्लोरिडा में अमेरिका की मध्य कमान (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के सेवानिवृत्ति समारोह में शामिल हुए थे, जहां इजराइल के रक्षा बलों का प्रतिनिधि भी मौजूद था। इससे पहले वे वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के समारोह में भी गए थे, जहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में बंद कमरे में लगभग दो घंटे की बैठक की थी।

पाकिस्तान ने जनरल माइकल कुरिल्ला को देश का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान निशान-ए-इम्तियाज भी प्रदान किया था।


ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मज़ाकिया नामांकन

मुनीर ने भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ तनाव पर मजाक उड़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान विश्व शक्तियों के बीच संतुलन बनाने की मास्टर क्लास देता है। उन्होंने मजाक में कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया क्योंकि “हम अच्छे काम की तारीफ करते हैं।”


सिंधु जल संधि का इतिहास और महत्व

सिंधु नदी प्रणाली में छह प्रमुख नदियां हैं – सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज। ये नदियां भारत, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरती हैं। सिंधु जल संधि 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में हुई थी।

इस संधि के तहत भारत को सिंधु नदी की तीन नदियों (झेलम, चिनाब, रावी) का प्रबंधन करने का अधिकार मिला और पाकिस्तान को दूसरी तीन नदियों (सिंधु, ब्यास, सतलुज) का प्रबंधन। यह संधि दोनों देशों के बीच जल विवाद को नियंत्रित करने का एक अहम दस्तावेज है।


भारत ने क्यों किया सिंधु जल संधि स्थगित?

भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 24 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। उस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारत सरकार का तर्क था कि पाकिस्तान के साथ ऐसे समय में जल संधि पर बात करना असंभव है जब वह आतंकवाद को समर्थन दे रहा हो।


भारत-पाकिस्तान के बीच जल और सुरक्षा तनाव का बढ़ता दौर

सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल की परमाणु धमकी ने क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल दिया है। ऐसे हालात में भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी छोटी सी घटना से बड़े युद्ध की संभावना उत्पन्न हो सकती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि सिंधु जल जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों पर विवाद बढ़ने से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते और ज्यादा खराब हो सकते हैं। साथ ही, यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा है।


भविष्य की चुनौतियां और रणनीति

भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह न केवल सुरक्षा के लिहाज से मजबूत हो, बल्कि जल संसाधनों के प्रबंधन और कूटनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाए। पाकिस्तान की इन धमकियों के बीच भारत को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना होगा ताकि जल विवाद और सुरक्षा खतरों से निपटा जा सके।

फील्ड मार्शल असीम मुनीर की भारत को परमाणु हमले की धमकी ने क्षेत्रीय सुरक्षा को गहरा झटका दिया है। सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि किसी भी अनियंत्रित घटना से बड़ा संघर्ष हो सकता है। भारत और पाकिस्तान को चाहिए कि वे आपसी वार्ता के जरिए इस तनाव को कम करें और क्षेत्रीय शांति के लिए जिम्मेदारी दिखाएं। आने वाले समय में इस विवाद पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर होगी।

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