पिपराइच मिल में 120 किलोलीटर (1.20 लाख लीटर) प्रतिदिन की क्षमता की नई डिस्टलरी यूनिट लगेगी
गोरखपुर के पिपराइच चीनी मिल में इसी साल दिसंबर तक गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनने लगेगा। इसके लिए मिल में 120 किलोलीटर (1.20 लाख लीटर) प्रतिदिन की क्षमता की नई डिस्टलरी यूनिट लगेगी।
गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने वाली यह उत्तर भारत की पहली चीनी मिल होगी। सोमवार को प्रदेश के बजट में भी इसकी घोषणा हो गई है। इसके बाद इस काम में तेजी आएगी।
उत्तर प्रदेश चीनी मिल संघ की पिपराइच चीनी मिल में गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने के प्रोजेक्ट पर तकरीबन 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए शासन को अगस्त 2020 में भेजी जा चुकी है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद केंद्र से एनवायरमेंटल क्लियरेंस भी मिल चुका है।गोरखपुर की पिपराइच एवं मुंडेरवा चीनी मिल, उत्तर प्रदेश चीनी मिल संघ की सल्फर-लेस चीनी बनाने वाली प्रदेश की पहली चीनी मिलें हैं।
30 दिन की बंदी छोड़कर ये मिलें पूरे साल चलेंगी। पेराई सत्र के दौरान गन्ने के रस से एथेनॉल बनेगा। पेराई सत्र समाप्त होने के बाद मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल से मिलने वाले शीरे से डिस्टिलरी चलेगी, जिससे एथेनॉल बनाया जाएगा।