Pratapgarh: मुहर्रम नजदीक आते ही शेखपुर गांव में बढ़ जाता है तनाव, राजा उदय प्रताप सिंह हाउस अरेस्ट
Pratapgarh में शेखपुर गांव का इतिहास रहा है कि यहां 10 दिन पहले ही फोर्स तैनात कर दी जाती है. पुलिस की कड़ी निगरानी में मुहर्रम को संपन्न कराया जाता है. इस बार भी माहौल कुछ ऐसा ही है. राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया है.
वह कुंडा तहसील में मजहबी गेट हटाने के लिए धरना दे रहे थे. तो चलिए जानते हैं आखिर कब और कहां से उत्पन हुई शेखपुर गांव में मुहर्रम के पहले विवाद की यह स्थिति.
दरसअल, बात 2012 की है, जब कुंडा के शेखपुर गांव में सड़क के किनारे एक बंदर की मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां ग्रामीणों ने एक हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया. इसके बाद वहां हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाने लगा. इसका आयोजन राजा उदय प्रताप सिंह ही करते थे. यह भंडारा मुहर्रम के दिन ही होता था.
2013 और 2014 में दो साल भंडारा और मुहर्रम का जुलूस साथ निकला, लेकिन 2015 के मुहर्रम पर मुस्लिम समुदाय ने हनुमान मंदिर पर भंडारे और झंडे का विरोध करते हुए अपनी ताजिया नहीं उठाई और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद बाद मामला पुलिस-प्रशासन तक पहुंच गया.
वहीं, मुहर्रम के दसवीं के अगले दिन तत्कालीन डीएम-एसपी ने मामले को शांत कराते हुए ताजिया को दफन कराया. वहीं 2016 में शेखपुर में तनाव की स्थिति हो गई, क्योंकि जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारे करने की अनुमति नहीं दी. हनुमान मंदिर पर भंडारे को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया, लेकिन कोर्ट ने डीएम को अपने विवेक से निर्णय के लिए निर्देशित किया. इसके बाद से राजा उदय प्रताप सिंह को हर बार मुहर्रम में हाउस अरेस्ट कर लिया जाता है.
इस तरह 2016-22 के बीच राजा उदय प्रताप सिंह को पांच बार हाउस अरेस्ट किया गया है. हर बार पुलिस की मौजदगी में ही मुहर्रम का जुलूस सम्पन कराया जाता है और इस दिन प्रशासन भंडारे की अनुमति प्रशासन नहीं देता हैं. सात साल से प्रशासन इसी तरह से एक्श लेता है, मगर अब तक इस मामले का निपटारा नहीं हो पाया है.
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